Jharkhand News: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) ने सीएम हेमंत सोरेन (Hemant Soren) पर एक बार फिर जोरदार निशाना साधा है. उन्होंने एक के बाद एक दो ट्वीट कर हेमंत सरकार को घेरा है. मरांडी ने सीएम सोरेन को 'एक्सीडेंटल सीएम' बताया है. साथ ही कहा है कि एक्सिडेंटल राजकुमार बहुत हताश, निराश, कुपित और व्यथित होकर कोपभवन में बैठे हैं. इससे पहले पूर्व सीएम मरांडी ने लोकसभा चुनावों को लेकर एकजुट हो रही विपक्षी एकता को लेकर निशाना साधा था. मरांडी ने 2024 के लोकसभा चुनावों को लेकर पटना में 23 जून को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक को लेकर कहा था कि ये वही लोग हैं जो परिवार और पैसे के लिए इकट्ठा हो रहे हैं.
‘...फिर ED की एंट्री हो गई’
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने अपने पहले ट्वीट में लिखा है कि सोचता हूं कि एक्सिडेंटल राजकुमार हेमंत ने अपने पोषित "बिचौलियों" से कितने अवैध काम करवाए, जबरदस्ती कब्जे से लेकर कूटरचित दस्तावेज तक बनवाए, फर्जी लोगों को मालिक बनाकर सेना की जमीनों को बिकवाया, दलालों से हर तरीके की मदद ली, लूट कर जब सब कुछ भर लिया तो एंट्री हो गई "ईडी" की. सूचना है कि एक्सिडेंटल राजकुमार बहुत हताश, निराश, कुपित और व्यथित होकर कोपभवन में बैठे हैं. इन दिनों लोगों से मिलना जुलना भी कम हो गया है. सही बात है, इतनी “तपस्या” से ग़रीबों का खून चूस कर बनाई गई बेहिसाब संपत्ति को ईडी झटके में एक के बाद एक ज़मींदोज़ करती जा रही है और इनके सारे लुटेरे बेईमान चेले-चटिये बारी-बारी से जेल जा रहे हैं, जाने वाले भी हैं. इसीलिए कहा गया है कर्म प्रधान विश्व रचि राखा -जो जस करहि सो तस फल चाखा.
'बिचौलियों की बल्ले बल्ले'
पूर्व सीएम मरांडी ने एक और ट्वीट करते हुए सीएम हेमंत सोरेन को घेरा. उन्होंने लिखा कि हाल -ए-हेमंत सरकार, सरकारी स्कूलों का हाल-शिक्षक नहीं हैं, पढ़ाई नहीं हो रही, सरकारी अस्पतालों का हाल- कुप्रबंधन, इलाज के अभाव में मरीजों की मृत्यु, बुनियादी सुविधाएं राज्य में बिजली, पानी की भारी किल्लत, सरकारी दफ्तर- भयंकर भ्रष्टाचार, बिना "चढ़ावा" कोई काम नहीं, जनता के लिए काम -कोई काम नहीं, केवल वादाखिलाफी, युवाओं और छात्रों के लिए- केवल लाठी और मुकदमा, राज्य की आर्थिक स्थिति- बहुत खराब, राजस्व में अरबों रुपये का गोलमाल और दलालों- बिचौलियों की बल्ले बल्ले, मुखिया क्या कर रहे - कुछ नहीं, मुख्यमंत्री आवास में बैठकर जांच एजेंसियों से अपनी गर्दन बचाने का उपाय खोज रहे, फिर राज्य का क्या होगा?- भगवान भरोसे.
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