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Vaishno Devi News Live: वैष्णो देवी यात्रा शुरू करने का फैसला 30 अगस्त के बाद, दो दिनों तक ट्रैक होगा दुरुस्त
Jammu Vaishno Devi Katra Landslide Live: जम्मू में भारी बारिश के बाद की तबाही में अब तक 41 लोगों की जान जा चुकी है. श्राइन बोर्ड ने शवों को उनके परिवारों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी ली है.
बैकग्राउंड
Vaishno Devi Katra Landslide Live: जम्मू क्षेत्र में मंगलवार (26 अगस्त) को नदियों के उफान पर होने से पानी के वेग से रास्ते में आने वाली हर चीज तहस-नहस हो...More
जम्मू और साम्बा में बाढ़ से क्षतिग्रस्त संपत्तियों को बचाने और पुनर्वास के लिए विभिन्न एजेंसियों द्वारा अभियान शुरू किया गया. इस क्षेत्र में गुरुवार को अचानक आई बाढ़ में चार और लोग बह गए. पिछले दो दिन में जम्मू क्षेत्र में हुई भारी बारिश के कारण 45 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से अधिकतर की मौत वैष्णो देवी तीर्थयात्रा मार्ग पर भूस्खलन के कारण हुई.
वैष्णो देवी यात्रा को लेकर सूत्रों के मुताबिक बड़ी खबर सामने आई है. सूत्रों ने बताया कि यात्रा शुरू करने पर 30 अगस्त के बाद ही फैसला लिया जाएगा. अगले दो दिनों तक ट्रैक दुरुस्त होगा और ट्रैक सिक्योरिटी चेक की जाएगी.
डायरेक्टरेट ऑफ स्कूल एजुकेशन जम्मू (DSEJ) ने गुरुवार (28 अगस्त) को घोषणा की कि सुरक्षा कारणों और भारी बारिश के चलते जम्मू संभाग के सभी स्कूल 30 अगस्त तक बंद रहेंगे.
डिप्टी सीएम ने कहा कि माता वैष्णो देवी में कभी भी इतना बड़ा हादसा नहीं हुआ था. एलजी का यात्रा पर कंट्रोल नहीं है. जो मारे गए हैं, यह मारे नहीं गए यह एक क्रिमिनल कंस्पीरेसी है. इसमें हत्या की दफा उन अफसर पर लगनी चाहिए जो अधिकारी इसमें शामिल हैं.
जम्मू कश्मीर के डिप्टी सीएम ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा पर हमला बोलते हुए कहा, "जब जम्मू पूरा डूबा हुआ था वह बिहार और यूपी में प्रोग्राम कर रहे थे. जब पहलगाम हुआ वह उसे समय दिल्ली में थे. उन्होंने मचैल यात्रा से सबक नहीं सीखा. जब वहां अलर्ट था तो लोगों को वहां से क्यों नहीं निकाला गया? अलर्ट होने के बावजूद मणिमहेश की यात्रा को हरी झंडी दिखाई गई. यह लोग लोगों को मौत के मुंह में भेज रहे हैं."
जम्मू कश्मीर के डिप्टी सीएम ने जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की 3100 सड़कें बह गई हैं. सड़क विभाग की 2100 सड़क बह गई हैं. इसके अलावा, पुल और अन्य सड़के भी टूट गई हैं. नेशनल हाईवे पर पुल और सड़कें टूटी हैं. जम्मू कश्मीर में खराब मटेरियल लगाया जा रहा है. हम इस सबका स्ट्रक्चरल ऑडिट करेंगे.
जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी जम्मू में क्षतिग्रस्त हुए तवी पल पहुंचे. उन्होंने कहा, "हमने खुद एनक्रोचमेंट की है. कुछ लोगों ने, कुछ स्मार्ट सिटी वालों ने की है. इस वजह से तवी के बहाव और चौड़ाई में कमी आई. इसका डिजाइन गलत है. काश वह अफसर इस समय नौकरी में होते, फिर हम उनके खिलाफ एक्शन लेते. हम इस सब की जांच करवाएंगे."
जम्मू और कश्मीर के कटरा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद वैष्णो देवी मंदिर यात्रा तीसरे दिन भी स्थगित रही.
जम्मू और कश्मीर के डोडा के भद्रवाह में अचानक आई बाढ़ और भारी बारिश के कारण घर और मंदिर क्षतिग्रस्त हो गए. स्थानीय निवासी गणेश कुमार ने बताया, "रात करीब 3.00 बजे एक तेज़ आवाज़ सुनाई दी. कुछ देर बाद, काफी मलबा नीचे गिरा और हमारे घर का सारा सामान क्षतिग्रस्त हो गया. हमने किसी तरह अपनी जान बचाई. मेरा पूरा घर क्षतिग्रस्त हो गया है. अब हम किसी और के घर में रह रहे हैं."
जम्मू के माता वैष्णो देवी धाम में हुई लैंडस्लाइड में राजस्थान के रहने वाले एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई है. इनमें दो सगे भाई हैं, जबकि बाकी दो रिश्ते के भाई हैं. चारों युवक चुरू जिले के रहने वाले कारोबारी थे. श्रीनगर घूमने के बाद ये लोग माता वैष्णो देवी धाम में दर्शन करने के लिए गए हुए थे. चार सदस्यों की मौत से परिवार में कोहराम मच गया है.
जम्मू और कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश के बाद आई बाढ़ में चौथे तवी पुल के साथ सड़क का एक हिस्सा बह गया है. लोगों की संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है. गाड़ियां, सड़कें, दुकानें आदि बह गए हैं.
मनाली में डोभी स्थित तिब्बती कॉलोनी में ब्यास नदी का पानी घुसने के बाद पुलिस टीम द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. भारी बारिश के बीच बनाला में भूस्खलन के कारण चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग बंद कर दिया गया है, क्योंकि राजमार्ग का एक हिस्सा बह गया. मरम्मत का काम जारी है.
बीजेपी सांसद जुगल किशोर शर्मा ने कहा, "वैष्णो देवी मंदिर के पास भूस्खलन में घायल हुए लोगों को अच्छा इलाज मिल रहा है. 14 लोगों का श्री माता वैष्णो देवी नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में इलाज चल रहा है. 30 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने शवों को उनके पैतृक स्थानों पर भेजने की जिम्मेदारी ली है."
BJP विधायक डॉ. नरिंदर सिंह का कहना है, "जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा बुलाई गई बैठक में जम्मू के सभी विधायक और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे. हमारी प्राथमिकता जरूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाना है और नुकसान का उचित आकलन होना चाहिए."
BSF का एक जवान बुधवार (27 अगस्त) को जम्मू के निकट अखनूर सेक्टर में गश्त के दौरान अचानक आई बाढ़ में डूब गया. अधिकारियों ने बताया कि जवान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर प्रागवाल क्षेत्र में परिचालन तैनाती वाले दल का हिस्सा था और अचानक आई बाढ़ के तेज प्रवाह में बह गया. उन्होंने बताया कि बाद में बचाव अभियान के दौरान उसका शव बरामद किया गया. सीमा सुरक्षा बल ने एक पोस्ट में कहा, 'हम बीएसएफ के बहादुर कांस्टेबल राजीब नूनिया को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने जम्मू (जिले) के अखनूर इलाके में परिचालन तैनाती के दौरान राष्ट्र की सेवा में कर्तव्य का पालन करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया.' बीएसएफ ने कहा, 'उन्होंने अटूट साहस, प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ शहादत प्राप्त की. उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा.' उन्होंने कहा कि बीएसएफ के महानिदेशक और सभी श्रेणी के कर्मचारी उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.
जम्मू-कश्मीर में पिछले दो दिन में रिकॉर्ड बारिश के बाद संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हो गई, जिनमें से अधिकतर लोग वो हैं जो वैष्णो देवी मार्ग पर हुए भूस्खलन की चपेट में आ गए थे. बुधवार को बारिश से कुछ राहत मिलने के बाद राहत कार्यों में तेज़ी आई. जम्मू क्षेत्र में उफनती नदियों के जलस्तर में सुबह 11 बजे से कमी आने के बीच अनंतनाग और श्रीनगर में झेलम नदी का जलस्तर बाढ़ की चेतावनी के निशान को पार कर गया. कई रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया.
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, "मुख्यमंत्री ने माता वैष्णो देवी में भूस्खलन और पिछले दो दिनों में जम्मू-कश्मीर में बाढ़ से संबंधित अन्य घटनाओं में जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए 6 लाख रुपये (SDRF से 4 लाख रुपये और मुख्यमंत्री राहत कोष से 2 लाख रुपये) की अनुग्रह राशि की घोषणा की है. गंभीर रूप से घायलों को 1 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री ने राहत, पुनर्वास और बहाली की तत्काल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रत्येक उपायुक्त को 10 करोड़ रुपये अग्रिम रूप से देने का निर्देश दिया है."
जम्मू में स्कूल सोमवार से बंद हैं, वहीं कश्मीर के छह जिलों - अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा, शोपियां, बडगाम और श्रीनगर - में शैक्षणिक संस्थान बुधवार को एहतियात के तौर पर बंद कर दिए गए. भारी बारिश के कारण पूरे जम्मू कश्मीर में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. कश्मीर में झेलम नदी और अन्य नदियों का जलस्तर बाढ़ की घोषणा के निशान से ऊपर बह रहा है, जबकि जम्मू संभाग में नदियां और नाले खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं. बुधवार को लगातार चौथे दिन मूसलाधार बारिश जारी रहने के कारण निचले इलाकों से हजारों निवासियों को निकाला गया. मौसम विभाग ने बुधवार को जम्मू संभाग और दक्षिण एवं मध्य कश्मीर के कई स्थानों पर रुक-रुक कर हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान जताया था.
कटरा में मंलगवार (26 अगस्त) को हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है. जम्मू क्षेत्र में पिछले 38 घंटों से भारी बारिश हो रही है जिसके कारण बाढ़ आने, भूस्खलन, पुल, सड़कें क्षतिग्रस्त होने और आवासीय एवं कृषि क्षेत्र जलमग्न हो जाने की वजह से कई लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. जम्मू में पिछले कई दशकों में हुई यह सर्वाधिक बारिश है.
उत्तर रेलवे ने बुधवार को जम्मू और कटरा स्टेशनों से आने-जाने वाली 58 ट्रेनों को रद्द करने का आदेश दिया. 64 ट्रेनों को जम्मू संभाग के अलग-अलग स्टेशनों पर बीच में ही रोक दिया गया. अधिकारियों ने बताया कि बुधवार सुबह रेल यातायात को कुछ समय के लिए बहाल किया गया था. लेकिन चक्की नदी क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ और भारी मिट्टी के कटाव के कारण इसे फिर से रोक दिया गया है.
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने एक्स पर कहा कि जम्मू और कश्मीर के माता वैष्णो देवी मार्ग पर भारी बारिश व भूस्खलन से 32 लोगों की मृत्यु का समाचार बेहद दुःखद है. मैं सभी पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर समेत देश के कई राज्य- अरुणाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति की चपेट में हैं.
खरगे ने कहा कि हिमाचल की हमारी कांग्रेस सरकार और प्रशासन की टीमें पूरी तत्परता के साथ राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं. इस मुश्किल स्थिति में मैं इन सभी राज्यों के कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपेक्षा करता हूं कि वो पीड़ितों की हर संभव मदद करें.
खराब मौसम के कारण जम्मू और कश्मीर में स्कूल और कॉलेज कल (28.08.2025) बंद रहेंगे. श्रीनगर में एक, उधमपुर में एक, रियासी में एक, किश्तवाड़ में तीन, जम्मू में नौ और सांबा में तीन एनडीआरएफ की टीमें तैनात हैं.
कटरा-जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. कल दोपहर बादल फटने के कारण यात्रा बंद कर दी गई थी, लेकिन अर्थकुंवारी के पास बादल फटने के कारण कई लोग पानी के बहाव में बह गए. कई अनमोल जानें चली गईं और कई घायल हुए. मैंने घायलों से मुलाकात की है, उनकी हालत स्थिर है और उन्हें उचित उपचार दिया जा रहा है. कई मृतकों की पहचान हो गई है और उनके शव को घर भेजने की व्यवस्था की जा रही है. मृत्यु के लिए कोई मुआवजा नहीं है, लेकिन श्राइन बोर्ड की नीति के अनुसार 5 लाख रुपये दिए जाते हैं, आपदा प्रबंधन भी मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये देगा... मैंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से बात की है. प्रशासन राहत और बचाव कार्य में पूरी तत्परता से लगा हुआ है."
सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि आज थोड़ी राहत मिली है क्योंकि बारिश लगभग थम गई है. निचले इलाकों से पानी कम होने लगा है. आपदा से हुआ नुकसान आपके सामने है. 2014 में भी इसी पुल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ था. इसका मतलब है कि पुल के इस हिस्से से कुछ जोखिम जुड़ा है. हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटना दोबारा न हो. हमें नदी के किनारे बसे घरों के लिए भी कदम उठाने होंगे. राहत और बचाव कार्य शुरू हो गया है.
जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और बादल फटने की स्थिति पर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि मैंने अभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की और उन्हें स्थिति की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार हर संभव मदद प्रदान करेगी.
सीएम उमर अब्दुल्ला ने बताया कि सांबा, कठुआ, जम्मू, उधमपुर, डोडा जैसे निचले इलाकों में भारी नुकसान हुआ है. हमें नदियों के किनारे अवैध रूप से रह रहे लोगों के लिए कदम उठाने होंगे. उन्हें किसी नई जगह पर ले जाना होगा.
कटरा में हुए भूस्खलन पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, "अगर हमें मौसम के बारे में पहले से पता होता, तो क्या हम उन निर्दोष लोगों की जान बचाने के लिए कुछ नहीं कर सकते थे? वे ट्रैक पर क्यों थे? उन्हें सुरक्षित जगह पर क्यों नहीं पहुंचाया गया? हमें दुख है कि कटरा में लगभग 29-30 लोगों की जान चली गई."
रेलवे की ओर से श्रीमाता वैष्णो देवी कटरा, जम्मू तवी और पठानकोट रेलवे स्टेशन पर हेल्पडेस्क लगाई है, जहां यात्री अपनी यात्रा की जानकारी के लिए मदद ले सकते हैं. इसके अलावा उत्तर रेलवे की ओर से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं
Helpline numbers-
1. Jammu- 7888839911
2. Delhi- 9717638775
जम्मू में बाढ़ी बारिश और भूस्खलन के बाद नेटवर्क पूरी तरह से गायब हो गए थे. काफी मशक्कत के बाद एयरटेल और जियो के मोबाइल इंटरनेट, कॉलिंग और फाइबर सर्विस को बहाल कर लिया गया है.
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि अचानक आई बाढ़ और मिट्टी खिसकने से ट्रैक को नुकसान पहुंचा है, जिसके कारण ट्रैफिक अस्थायी रूप से निलंबित करना पड़ा. फिलहाल बहाली का काम जारी है और स्थिति सामान्य होने तक यात्री सतर्क रहें. रेलवे ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले ट्रेनों की स्थिति चेक करें. रद्द या डायवर्ट हुई ट्रेनों की ताज़ा जानकारी रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट और हेल्पलाइन पर उपलब्ध कराई जा रही है.
44 ट्रेनें पूरी तरह रद्द
6 ट्रेनें आंशिक रूप से बहाल
7 ट्रेनें पूरी तरह बहाल
3 ट्रेनें डायवर्ट की गईं
16 ट्रेनों की शॉर्ट ओरिजिनेशन (मूल स्टेशन से पहले शुरू की गईं)
28 ट्रेनों की शॉर्ट टर्मिनेशन (गंतव्य से पहले ही खत्म कर दी गईं)
जम्मू और उधमपुर ने 50 साल पुराने और 5 साल पुराने रिकॉर्ड्स को ध्वस्त कर दिया है. बीते 24 घंटे (26 अगस्त सुबह 8:30 बजे से 27 अगस्त सुबह 8:30 बजे तक) में जम्मू और उधमपुर में बारिश ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. यहां 296.0 मिमी बारिश हुई, जो अब तक सबसे ज़्यादा है. इससे पहले का रिकॉर्ड 272.6 मिमी (9 अगस्त 1973) का था. उधमपुर में सिर्फ 24 घंटे में 629.4 मिमी बारिश दर्ज हुई, जिसने पिछले रिकॉर्ड 342.0 मिमी (31 जुलाई 2019) को लगभग दोगुना कर दिया.
44 ट्रेनें रद्द हुई हैं. चक्की नदी में बाढ़ से ट्रैक को नुकसान. चक्की नदी में तेज़ बाढ़ और मिट्टी कटाव के कारण जम्मू डिवीजन में रेल सेवाएँ बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. रेलवे ने जानकारी दी है कि सुरक्षा कारणों से कई ट्रेनों को रद्द या डायवर्ट करना पड़ा है.
● कई संवेदनशील जगहों पर भूस्खलन, पत्थर गिरने आदि की आशंका जताई गई है.
● जल निकायों/नालों/नदी तटबंधों/ढीली संरचनाओं आदि से दूर रहने की अपील की गई है.
● जम्मू कश्मीर के मैदानी इलाकों और दक्षिण कश्मीर के निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ की आशंका है.
● सभी लोगों को सतर्क और हर जानकारी से अपडेट रहने की सलाह दी गई है.
28-29 अगस्त को कुछ स्थानों पर हल्की बारिश/गरज के साथ बौछारें हो सकती हैं. वहीं, 30 अगस्त से लेकर 1 सितंबर तक जम्मू डिवीजन में मध्यम से भारी बारिश और गरज के साथ बौछारें होने की संभावना है. इसके अलावा, 2 से 5 सितंबर तक कुछ स्थानों पर हल्की बारिश/गरज के साथ बौछार का अनुमान लगाया गया है.
पिछले 24 घंटे में जम्मू संभाग के कुछ स्टेशनों पर अत्यधिक भारी वर्षा और दक्षिण कश्मीर में भारी वर्षा हुई है. आज के लिए मौसम विभाग द्वारा बताया गया है कि दिन में जम्मू संभाग और दक्षिण और मध्य कश्मीर के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ सामान्यतः बादल छाए रहेंगे.
पिछले 24 घंटे में जम्मू संभाग के कुछ स्टेशनों पर अत्यधिक भारी वर्षा और दक्षिण कश्मीर में भारी वर्षा हुई है. आज के लिए मौसम विभाग द्वारा बताया गया है कि दिन में जम्मू संभाग और दक्षिण और मध्य कश्मीर के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ सामान्यतः बादल छाए रहेंगे.
महबूबा मुफ्ती की पीडीपी ने जम्मू कश्मीर में मौसम की चेतावनी को देखते हुए अपना प्रोटेस्ट रद्द करने का फैसला लिया है. पीडीपी के सभी जिला अध्यक्षों से कहा गया है कि बाढ़ और बादल फटने की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए तय किया गया शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन रद्द किया जा रहा है. यह प्रदर्शन देश भर की जेलों में बंद जम्मू-कश्मीर के कैदियों को वापस लाने को लेकर था.
जम्मू-कश्मीर के रामबन के मैत्रा में निचले इलाकों में घरों और दुकानों तक पानी पहुंच गया है, क्योंकि चिनाब नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है.
पंजाब के पठानकोट में रावी बांध के गेट खुलने के बाद सुजानपुर गांव में बाढ़ की स्थिति देखने को मिली. राहत बचाव कार्य जारी है.
डोडा के डिप्टी कमिश्नर अनिल कुमार ठाकुर ने जानकारी दी है कि उन्हें बुधवार सुबह 3 बजे तक की रिपोर्ट मिली. उसके बाद से नेटवर्क की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस कंट्रोल रूम को मैनेज करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने बताया, "हम रात भर नियंत्रण कक्ष में स्थिति की निगरानी करते रहेंगे. लोगों से अनुरोध है कि वे घर के अंदर रहें. हम कल सुबह तक बिजली की आपूर्ति बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं. कई सड़कें खो गई हैं. हमें आज कई डिस्ट्रेस कॉल मिले. कई लोग अपने घर खो चुके हैं. हम हर घर तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं."
जम्मू-कश्मीर के रामबन में डीसी मोहम्मद अलीजास खान ने कहा, "पिछले 2 दिनों से इलाके में भारी बारिश हो रही है, जिसके कारण चिनाब नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा था. हम लोगों से चिनाब के पास न जाने की अपील करते हैं. हमने निचले इलाकों से लोगों को निकाल लिया है. हम राजमार्ग का आकलन कर रहे हैं. हम लोगों से अपील करते हैं कि राजमार्ग पर आने से बचें. प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है, हमारी टीमें हर जगह सक्रिय हैं."
जम्मू हादसे के बाद गृह मंत्रालय के आदेश पर नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स और अन्य केंद्रीय बचाव एजेंसी का बड़ा रेस्क्यू एंड रिलीफ ऑपरेशन शुरू हुआ है. NDRF की आठ टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और बचाव राहत कार्य को अंजाम दे रही हैं. सभी टीमों के साथ कुल 32 स्पेशल बोट वायु मार्ग द्वारा भेजी गई हैं.
बड़े स्तर पर एनडीआरएफ, सीआरपीएफ, बीएसएफ और दूसरी फोर्स को रेस्क्यू रिलीफ आप्रेशन में लगाया गया है. गृह मंत्रालय कंट्रोल रूम 24*7 सिचुएशन मॉनिटर कर रहा है.
केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने बताया कि जम्मू संभाग में स्कूल-कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए गए हैं और आम जनता को अपनी सुरक्षा के लिए अनावश्यक गतिविधियों से बचने की सलाह दी गई है. क्षतिग्रस्त हुए इंफ्रास्ट्रक्चर में ऐतिहासिक माधोपुर पुल भी शामिल है. 11 मई 1953 को इसी पुल पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की गिरफ्तारी हुई थी, जिसके बाद यह इतिहास का हिस्सा बन गया था. आज सुबह लगभग 3 बजे से इस पुल पर यातायात रोक दिया गया है. जनता से अपील है कि बिना घबराए, हम सभी आपस में और अधिकारियों के साथ सहयोग करें.
केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने जानकारी दी कि पुंछ और राजौरी ज़िलों को छोड़कर, पूरे जम्मू संभाग में अभी भी बारिश हो रही है. हालांकि इसकी तीव्रता कम है. तवी नदी का जलस्तर कम हो गया है, लेकिन चिनाब नदी अभी भी खतरे के निशान के पास बह रही है. तत्काल प्राथमिकता बिजली, पानी और मोबाइल सेवाओं की बहाली है, जिसके लिए अधिकारी रात भर लगातार काम कर रहे हैं. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, अर्धसैनिक बल, सेना और वायुसेना के अधिकारी नागरिक प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.
कटरा में वैष्णो देवी मार्ग पर हुए भूस्खलन में अब तक 32 लोगों की जान जा चुकी है. एनडीआरएफ और सेना का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.
जम्मू कश्मीर से आने वाले बीजेपी के राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना ने बताया कि अभी तक की जानकारी के मुताबिक, कुछ लोगों की मौत भी हुई है. प्रधानमंत्री, गृह मंत्री ने भी हालात की जानकारी ली है.
पठानकोट-जम्मू नेशनल हाईवे को पूर्ण तौर पर बंद कर दिया गया है. पंजाब जम्मू को जोड़ने वाला रावी दरिया पर बना पुल जम्मू के कठुआ साइड से क्षतिग्रस्त हो गया था. इसलिए अब ट्रैफिक को पूर्ण तौर पर बंद कर दिया गया है. गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें लगी हैं. पंजाब से जम्मू की तरफ जाने वाला लखनपुर पुल भी क्षतिग्रस्त हुआ है.
नगरोटा में 100 लोगों को कोंडोली मंदिर ले जाया गया, और मरम्मत दल राजमार्गों से मलबा हटाकर आपातकालीन सेवाओं के लिए मार्ग खोल रहे हैं. सुचेतगढ़ के बदयाल कजियां और टिब्बा बैंस में मकान ढहने के बाद दो परिवारों के 15 सदस्यों को बचाया गया. जम्मू के इंद्र नगर और बल्लोल में 150 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया, कुछ को बृज नगर में स्थानांतरित किया गया.
प्रशासन का मुख्य ध्यान संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को निकालने, उन्हें अस्थायी आश्रय, भोजन, स्वच्छ पानी और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के साथ-साथ बुनियादी ढांचे को बहाल करने पर है. आरएस पुरा में 85 लोगों को सुरक्षित निकाला गया. परगवाल के हमीरपुर कोना और गुजराल गांव से 347 निवासियों को अखनूर और जम्मू में स्थानांतरित किया गया. उत्तर जम्मू की नई बस्ती और लोअर मुठी से 160 लोगों को मुठी के कैलाश रिसॉर्ट्स में शरण दी गई, जहां लंगर की व्यवस्था की गई है.
जम्मू जिले में लगातार भारी बारिश के कारण बाढ़ के बीच जिला प्रशासन, जम्मू-कश्मीर पुलिस, भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय स्वयंसेवकों का बचाव अभियान जारी है. इस अभियान के तहत 3500 से अधिक लोगों को प्रभावित इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
जम्मू भूस्खलन के बाद राहत और बचाव सामग्री लेकर एनडीआरएफ का सामान लेकर सी130 और आईएल76 जल्द ही हिंडन से जम्मू के लिए उड़ान भरेंगे. चिनूक, एमआई-17 वी5 जैसे हेलीकॉप्टर जम्मू, उधमपुर, श्रीनगर और पठानकोट जैसे सभी नजदीकी ठिकानों पर सक्रिय रूप से तैयार हैं.
पंजाब में भारतीय सेना ने माधोपुर हेडवर्क्स के पास फंसे सीआरपीएफ कर्मियों और नागरिकों को सुरक्षित निकाला. भारी बाढ़ के बीच हेलीकॉप्टर से लोगों का रेस्क्यू किया गया. इसके विजुअल भी सामने आ रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर के एक स्थानीय व्यक्ति का कहना है, "सभी नदियां, नाले और सहायक नदियां उफान पर हैं. गंभीर खतरा पैदा कर रही हैं. पानी खतरे के स्तर से ऊपर बढ़ गया है. अपने 48 वर्षों के जीवन में, मैंने कभी इतना पानी नहीं देखा, न ही मेरे पिता ने और न ही किसी और ने ऐसी स्थिति देखी है."
वैष्णो देवी भूस्खलन के बाद एक श्रद्धालु ने बताया, "हम कल अपने परिवार के साथ दिल्ली से आए थे. सुबह से यहां लगातार बारिश हो रही है और अभी भी रुकी नहीं है. अर्धकुंवारी में भूस्खलन से लोगों को 4 किलोमीटर पहले से ही नीचे उतार दिया गया. यात्रा पूरी तरह से बंद कर दी गई है. प्रशासन पूरा ध्यान रख रहा है. अभी कोई भी यहां आने का प्लान कर रहा हो तो पहले मौसम विभाग की चेतावनी चेक कर लें. ट्रेनें भी कैंसिल हो गई हैं."
उफनती तवी नदी के कारण क्षेत्र में तबाही मचने से चौथे तवी पुल को बिक्रम चौक से जोड़ने वाली सड़क बह गई. जम्मू और सांबा जिलों में भारी बारिश के कारण कई उफनती नदियों और जलमग्न निचले इलाकों से मंगलवार को सैकड़ों लोगों को निकाला गया. भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन ने संकट की सूचना मिलने पर बड़े पैमाने पर अभियान शुरू कर दिया है.
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट (रेजिस्ट्रार जनरल कार्यालय) का आदेश: वर्तमान असाधारण जलवायु परिस्थितियों और जम्मू संभागीय आयुक्त द्वारा जारी हाई अलर्ट को ध्यान में रखते हुए 27 अगस्त को जम्मू विंग के लिए गैर-कार्य दिवस घोषित किया जाता है. इस दिन के लिए लिस्ट किए गए मामलों को 1 सितंबर से 20 सितंबर के बीच सुना जाएगा.
केयू परीक्षा नियंत्रक ने जानकारी दी है कि प्रतिकूल मौसम की स्थिति को देखते हुए, 27 अगस्त, 2025 को होने वाली कश्मीर विश्वविद्यालय (केयू) की सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं. उन्होंने कहा कि स्थगित परीक्षाओं की नई तारीखों की सूचना बाद में अलग से दी जाएगी.
जम्मू कश्मीर के मुख्यमत्री उमर अब्दुल्ला ने जानकारी दी है कि जम्मू में दूरसंचार पूरी तरह से बंद हो गया है. उन्होंने पहली बार इतना डिस्कनेक्ट महसूस किया है. सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि वह अभी भी लगभग न के बराबर संचार से जूझ रहे हैं. जियो मोबाइल पर थोड़ा-बहुत डेटा तो आ रहा है, लेकिन फिक्स्ड लाइन वाई-फाई नहीं है, ब्राउज़िंग नहीं हो रही है. लगभग कोई फोन ऐप काम नहीं कर रहा है. एक्स जैसी चीज़ें बहुत धीरे खुलती हैं. व्हाट्सएप पर छोटे टेक्स्ट मैसेज के अलावा कुछ भी सेंड नहीं हो पा रहा है. साल 2014 और 2019 के बुरे दिनों के बाद से इतना डिस्कनेक्ट महसूस नहीं हुआ.
वैष्णो देवी, कटरा में एक श्रद्धालु दशरथ ने बताया, "मैं चंपारण, बिहार से हूं. ट्रेनें बंद हो गई हैं. हमें बिहार पहुंचने में दिक्कत हो रही है. हमने सुना है कि दर्शन करके लौटने के बाद एक बहुत बड़ा हादसा हो गया. हम बारिश के कारण यहां फंस गए हैं. हमारे पास टिकट थे, लेकिन ट्रेनें बंद हो गई हैं."
कठुआ में रावी पुल का हिस्सा बहा, सीआरपीएफ के 22 जवान 3 लोकल नागरिकों और एक सीआरपीएफ के कुत्ते को सेना के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया.
भारतीय सेना ने माधोपुर हेडवर्क्स के पास फंसे सीआरपीएफ कर्मियों और नागरिकों को बचाया. भारतीय सेना विमानन ने कल से माधोपुर हेडवर्क्स (पंजाब) के पास फंसे 22 सीआरपीएफ कर्मियों और 3 नागरिकों को सुरक्षित निकाला. आज सुबह 6 बजे, चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद, सेना विमानन के हेलीकॉप्टर बचाव कार्य के लिए रवाना हुए. जिस इमारत में लोगों ने शरण ली हुई थी, वह रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा होने के कुछ ही देर बाद ढह गई. इससे इंडियन आर्मी की समयबद्धता और सटीकता का पता चलता है.
मौसम विभाग ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी है कि सुबह 5:10 पर जम्मू डीडब्ल्यूआर इमेजरी पूरे क्षेत्र में व्यापक तूफान गतिविधि का संकेत देती है. भारी बारिश, गरज के साथ तूफान और संभावित ओलावृष्टि (40 डीबीजेड से अधिक परावर्तकता) के साथ गंभीर संवहन जम्मू, आरएस पुरा, सांबा, अखनूर, नगरोटा, कोट भलवाल, बिश्नाह, विजयपुर, पुरमंडल और कठुआ और उधमपुर के कुछ हिस्सों में हो रहा है.
मध्यम संवहन, जो हल्की से मध्यम वर्षा (20 डीबीजेड से अधिक परावर्तकता) का संकेत देता है, रियासी, रामबन, डोडा, बिलावर, कटरा, रामनगर, हीरानगर, गूल, बनिहाल और सांबा और कठुआ जिलों के आसपास के क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है.
जम्मू में ऊपरी इलाकों में लगातार भारी बारिश हो रही है, जिससे चिनाब नदी उफान पर है. नदी के पास फंसे लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है. बचाव अभियान में एनडीआरएफ, सीआरपीएफ और इंडियन आर्मी के जवान लगे हैं.
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