जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार (26 अगस्त) को कटरा में श्री माता वैष्णो देवी के मार्ग अर्धकुंवारी पर हुए भूस्खलन की घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. तीन सदस्यीय समिति घटना के कारणों की विस्तार से जांच करेगी और किसी भी चूक को इंगित करेगी.
ये कमेटी बचाव और राहत उपायों के रूप में प्रतिक्रियाओं का आकलन करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए उपयुक्त मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) और उपाय सुझाएगी.
कमेटी में कौन कौन शामिल?
समिति दो हफ्ते के अंदर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. एक आदेश के अनुसार, उच्च स्तरीय समिति का नेतृत्व जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव करेंगे और इसके अन्य सदस्यों में जम्मू के संभागीय आयुक्त और जम्मू के पुलिस महानिरीक्षक शामिल होंगे.
सीएम उमर अब्दुल्ला ने उठाए थे सवाल
बता दें कि घटना के बाद, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जम्मू दौरे के दौरान मौसम विभाग, डीएमआरए और एसडीआरएफ द्वारा गंभीर मौसम की चेतावनी के बावजूद वैष्णो देवी यात्रा की अनुमति देने के लिए अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के आचरण पर सवाल उठाया था.
उन्होंने कहा, "हमें इस बारे में बाद में बात करनी होगी. जब हमें मौसम के बारे में पता था, तो क्या हमें उन लोगों की जान बचाने के लिए कुछ कदम नहीं उठाने चाहिए थे? मौसम की चेतावनी हमें कुछ दिन पहले ही मिली थी."
बादल फटने से आई त्रासदी- तीर्थस्थल बोर्ड
तीर्थस्थल बोर्ड ने 29 तारीख को अपने बयान में इस त्रासदी के लिए अभूतपूर्व बादल फटने को ज़िम्मेदार ठहराया था और दावा किया था कि नए ट्रैक पर यात्रा रोक दी गई थी और केवल पुराने ट्रैक पर ही अनुमति दी गई थी, जो सुरक्षित था.
हुई थी 34 लोगों की मौत
बता दें कि बादल फटने के कारण हुए भूस्खलन में 34 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि एक दर्जन से अधिक घायल हो गए थे.