ईद-ए-मिलाद के मौके पर शुक्रवार (5 सितंबर) को श्रीनगर की दरगाह हजरतबल में बवाल हो गया. तीन दिन पहले दरगाह के रिनोवेशन के बाद लगाए गए मार्बल पर लोगों ने बवाल किया.
मस्जिद के अंदर प्रतिमा लगाने के आरोप के बाद गुसाई भीड़ ने अशोक स्तंभ को तोड़ दिया. भीड़ का कहना है कि मस्जिद के अंदर कोई प्रतिमा नहीं लगाई जा सकती.
वीडियो वायरल
इस बवाल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो में कुछ लोग वक्फ बोर्ड के लगाए गए शिलापट्ट पर उकेरी गई अशोक स्तंभ की आकृति को पत्थर से तोड़ते दिख रहे हैं.
बता दें कि तीन सितंबर को ही वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन डॉ दरख्शां अंद्राबी ने इसका उद्घाटन किया था. शिलापट्ट पर दरख्शां अंद्राबी का नाम लिखा है.
दरख्शां अंद्राबी ने घटना को लेकर कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा, ''यह अफसोस की बात है. राष्ट्रीय स्तंभ को तोड़ना, ये दहशतगर्दाना हमला है. एक सियासी पार्टी के गुंडे हैं. इन्हीं गुंडों ने पहले कश्मीर को तबाह किया था, आज भी वो दरगाह शरीफ में आ गए. हमारा प्रशासक मरते-मरते बचा है. उनपर भी हमला किया गया.''
उन्होंने आगे कहा, ''हजरतबल में जो बदलाव आया है, इनके दिल को चुभा है. इन लोगों ने बड़ा अपराध किया है. राष्ट्रीय स्तंभ को तोड़ना अपराध है. लोगों की पहचान कर, उम्र भर के लिए यहां बैन किया जाएगा.''
दरख्शां अंद्राबी ने क्या कहा?
पिछले दिनों हुए कार्यक्रम की तस्वीर एक्स पर पोस्ट करते हुए अंद्राबी ने कहा था एक सपना साकार: जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड द्वारा हजरतबल दरगाह के विशाल निर्माण एवं सौंदर्यीकरण परियोजना के उद्घाटन समारोह की झलकियां. यह एक ऐतिहासिक परियोजना है जो लोगों को समर्पित है और इस दरगाह को पूरे देश और पूरे क्षेत्र की सबसे खूबसूरत दरगाह बनाती है.
वहीं केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री किरेन रिजिजू ने हजरतबल दरगाह का वीडियो शेयर करते हुए कहा कि डॉ. दरख्शां अंद्राबी और जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड को हजरतबल दरगाह के ऐतिहासिक नवीनीकरण का नेतृत्व करने के लिए बधाई.
उन्होंने कहा, ''1968 के बाद यह दरगाह के आंतरिक हिस्से का पहला बड़ा परिवर्तन है. नया डिजाइन कश्मीर की पारंपरिक कला को आधुनिकता के साथ जोड़ता है. जम्मू-कश्मीर की आध्यात्मिक धरोहर के लिए यह एक गौरवपूर्ण सांस्कृतिक मील का पत्थर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के दूरदर्शी सहयोग और समर्थन के लिए आभार.''