जम्मू-कश्मीर विधानसभा के शरदकालीन सत्र से पहले पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी इस सत्र में जम्मू-कश्मीर के लोगों के भूमि अधिकारों की रक्षा के लिए एक विधेयक पेश करेगी. महबूबा मुफ्ती ने बुधवार (8 अक्टूबर) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "जम्मू-कश्मीर पीडीपी आगामी विधानसभा सत्र में जम्मू-कश्मीर भूमि अधिकार एवं नियमितीकरण विधेयक, 2025 (बुलडोजर विरोधी विधेयक) पेश करेगी."

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पार्टी के अनुसार, यह विधेयक लंबे समय से जमीन पर काबिज लोगों को मनमाने ढंग से बेदखल किए जाने से बचाने और परिवारों, संस्थानों और होटल व्यवसायियों के लिए भूमि सुरक्षा सुनिश्चित करने का प्रयास करता है. महबूबा मुफ्ती ने कहा, "साल 2022 के भूमि अनुदान नियमों के तहत गुलमर्ग के दर्जनों होटलों को बेदखली का सामना करना पड़ रहा है. वादों के बावजूद, सरकार ने लोगों के भूमि अधिकारों की रक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया है."

'मालिकाना हक होगा सुरक्षित'

प्रस्तावित कानून का उद्देश्य उन व्यक्तियों, परिवारों और संस्थाओं की भूमि जोत को नियमित करना है जो 30 वर्षों से अधिक समय से लगातार भूमि पर काबिज हैं, जिससे मालिकाना हक सुरक्षित होगा, मनमाने ढंग से बेदखली को रोका जा सकेगा और जम्मू-कश्मीर में सामाजिक और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित होगी.

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गुलमर्ग और कश्मीर के अन्य हिस्सों में चल रहे भूमि और पट्टे के संकट पर प्रकाश डालते हुए, महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भूमि अनुदान नियम, 2022 ने पुराने पट्टों के नवीनीकरण को समाप्त कर दिया है, जिससे समाप्त हो चुके पट्टों पर चल रहे दर्जनों होटलों को बेदखल होने या नीलामी के माध्यम से सरकारी अधिग्रहण का खतरा है.

'60 होटलों को मिले नोटिस'

गुलमर्ग के लगभग 60 होटलों, जिनमें नेडौस और हाईलैंड्स पार्क जैसे विरासत प्रतिष्ठान शामिल हैं, को गुलमर्ग विकास प्राधिकरण (जीडीए) से अधिग्रहण के नोटिस मिले हैं. जिन होटल व्यवसायियों ने भारी निवेश किया है, वे अब गंभीर वित्तीय संकट, कानूनी अनिश्चितता और आजीविका के लिए खतरों का सामना कर रहे हैं.

'निवेशकों का विश्वास हो रहा प्रभावित'

उन्होंने आगे कहा कि पट्टे के नवीनीकरण और भूमि नियमितीकरण पर स्पष्ट सरकारी नीति के अभाव ने गहरी अनिश्चितता पैदा कर दी है, जिससे पर्यटन, स्थानीय रोजगार और कश्मीर के आतिथ्य क्षेत्र में निवेशकों का विश्वास प्रभावित हो रहा है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के भूमि अधिकारों की रक्षा के लिए मुख्यमंत्री द्वारा बार-बार किए गए वादों के बावजूद, अदालतों में इन अधिकारों की रक्षा के लिए अभी तक कोई ठोस नीति या कानूनी रुख नहीं अपनाया गया है.

'कानून लाएं हम करेंगे समर्थन'

मुफ्ती ने पुष्टि की कि पीडीपी विधायकों ने आगामी विधानसभा सत्र में शामिल करने के लिए विधेयक पहले ही प्रस्तुत कर दिया है, जिससे लोगों के भूमि अधिकारों की रक्षा और सभी पुराने काबिज लोगों के लिए कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की पार्टी की प्रतिबद्धता की पुष्टि होती है.उन्होंने कहा कि सरकार को या तो इन विधेयकों को अपनाकर लागू करना चाहिए या अपना खुद का कानून लाना चाहिए, जिसका पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी द्वारा विधिवत समर्थन किया जाएगा.