जम्मू कश्मीर में बीजेपी ने ऐलान किया है कि पार्टी आगामी राज्यसभा, बडगाम और नगरोटा विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव अकेले लड़ेगी. विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने बुधवार (8 अक्टूबर) को घोषणा की है कि पार्टी दोनों चुनाव अपने कमल चिन्ह पर लड़ेगी और दोनों चुनावों के लिए पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा दो दिनों में कर दी जाएगी.

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श्रीनगर स्थित बीजेपी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए, शर्मा ने राज्यसभा चुनावों के लिए एक सुनियोजित रणनीति का भी खुलासा किया और केवल उन्हीं सीटों पर उम्मीदवार उतारने का संकल्प लिया जहां पार्टी को संख्यात्मक रूप से बढ़त हासिल है. उन्होंने संकेत दिया कि दिवंगत बीजेपी नेता देवेंद्र सिंह राणा की बेटी देवयानी राणा इस सीट से चुनाव लड़ने की प्रमुख दावेदार हैं, हालांकि अंतिम नामों की घोषणा जल्द ही की जाएगी.

'घाटी में पार्टी को करेंगे मजबूत'

सुनील शर्मा ने कहा, "हम बडगाम के लिए अपने चिन्ह पर उम्मीदवारों की घोषणा करेंगे और दोनों सीटों पर उपचुनाव लड़ेंगे." उन्होंने कश्मीर घाटी और जम्मू क्षेत्र दोनों में अपनी पकड़ मजबूत करने के बीजेपी के इरादे साफ जाहिर कर दिए.

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2-3 दिन में होगा उम्मीदवारों का ऐलान

उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी संसदीय बोर्ड अगले 2-3 दिनों में पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा करेगा, जिससे 11 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले एक आक्रामक अभियान की शुरुआत होगी, जिसके नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.

ये उपचुनाव दो महत्वपूर्ण रिक्तियों के कारण हुए हैं. बडगाम में, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 2024 के विधानसभा चुनावों में गंदेरबल सीट बरकरार रखने के बाद अपनी सीट खाली कर दी थी, जबकि नगरोटा की सीट 2024 में देवेंद्र सिंह राणा के असामयिक निधन के बाद खाली हुई थी.

क्या है बीजेपी की रणनीति?

सुनील शर्मा की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने 24 अक्टूबर को होने वाले राज्यसभा चुनावों के लिए बीजेपी की रणनीति पर भी प्रकाश डाला, जो 2020 में केंद्र शासित प्रदेश के रूप में पुनर्गठन के बाद जम्मू और कश्मीर में इस तरह का पहला चुनाव है. फरवरी 2021 से उच्च सदन की चार सीटें खाली होने के कारण, यह परिणाम नई दिल्ली में जम्मू और कश्मीर के प्रतिनिधित्व को नए सिरे से परिभाषित कर सकता है.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "हम केवल उन्हीं सीटों पर चुनाव लड़ेंगे जहां हमारे पास पर्याप्त संख्याबल है." उन्होंने 90 सदस्यीय विधानसभा में अपने 29 विधायकों का उपयोग करके कम से कम एक सीट हासिल करने के भाजपा के आत्मविश्वास की ओर इशारा किया.