Mehbooba Mufti On Waqf Act: पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बुधवार (09 अप्रैल) को जम्मू-कश्मीर विधानसभा से वक्फ अधिनियम में संशोधनों को खारिज करने के लिए एक प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया. बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र का आखिरी दिन है. पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन को राजनीतिक तमाशा को लंबा खींचने के बजाय इस विधेयक को खारिज करने के लिए प्रस्ताव पारित करने को प्राथमिकता देनी चाहिए.
पीडीपी अध्यक्ष ने ट्यूलिप गार्डन में सीएम उमर अब्दुल्ला और केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के बीच हुई मुलाकात का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, ''भारत के एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य के मुख्यमंत्री ने उनका भव्य स्वागत किया. ऐसा प्रतीत होता है कि यह कदम जानबूझकर उठाया गया है, ताकि पूरे भारत के 24 करोड़ मुसलमानों को यह संकेत दिया जा सके कि जब देश के एकमात्र मुस्लिम बहुल क्षेत्र का नेता उनके समर्थन में खड़ा हो, तो उनके विचारों का कोई महत्व नहीं रह जाता.''
'उमर अब्दुल्ला के कदमों से मुस्लिम समुदाय में अलगाव'
उन्होंने कहा, ''एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन की पृष्ठभूमि में किया गया यह दौरा मुस्लिम समुदाय के हाशिए पर डाले जाने और शक्तिहीन किए जाने का सार्वजनिक जश्न जैसा लगा. उमर अब्दुल्ला के कदमों से मुस्लिम समुदाय में अलगाव और लाचारी की भावना और गहरी हुई है.''
वक्फ अधिनियम में संशोधन को SC में देंगे चुनौती- मुफ्ती
पीडीपी प्रमुख ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) पर उपराज्यपाल की ओर से मंजूर किए गए तीन विधेयकों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए विधानसभा में नाटक करने का आरोप लगाया. पीडीपी अध्यक्ष ने ये भी कहा कि उनकी पार्टी वक्फ अधिनियम में संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी.
'उमर और फारूक अब्दुल्ला ने वक्फ बिल का विरोध नहीं किया'
वक्फ संशोधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रुख पर प्रतिक्रिया देते हुए महबूबा मुफ्ती ने पूछा, ''संसद में विधेयक लाने से पहले मुस्लिम समुदाय को क्यों नहीं समझा गया? सभी मुसलमान इसका विरोध कर रहे हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस और उसके नेतृत्व को छोड़कर हर कोई इसके खिलाफ है. उमर अब्दुल्ला और फारूक अब्दुल्ला ने इसका विरोध नहीं किया लेकिन देश के सभी मुसलमान और धर्मनिरपेक्ष दल भी इसका विरोध कर रहे हैं.''