जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में रविवार (17 अगस्त) को तड़के बादल फटने और भूस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं में 7 लोगों की मौत हुई है. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने इस त्रासदी में हुई लोगों की मौत पर शोक जताया है. उन्होंने पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए इसे दिल दहला देने वाली त्रासदी बताया. साथ ही प्रशासन से तुरंत ही मदद के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की.

महबूबा मुफ्ती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''कठुआ जिले में बादल फटने से आई अचानक बाढ़ में हुई जान-माल की दुखद क्षति से बेहद दुखी हूं. विनाश की शुरुआती खबरें वाकई दिल दहला देने वाली हैं. शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना. ऐसे नाजुक क्षणों में, प्रशासन की ओर से त्वरित और निर्णायक कार्रवाई जरूरी है, हर पल महत्वपूर्ण है.''

कठुआ में त्रासदी से भारी नुकसान

कठुआ में रविवार को बादल फटने और भूस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं में 5 बच्चों समेत चार परिवारों के सात सदस्यों की जान चली गई.  जिले में रात भर हुई भारी बारिश के बीच राजबाग के जोध घाटी गांव और और जंगलोट में यह आपदा आई जिससे जलाशयों का जलस्तर बढ़ गया और कई निचले इलाकों में जलभराव हो गया.

बादल फटने और लैंडस्लाइड की घटना में गई जान

पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने बताया कि बादल फटने से प्रभावित जोध घाटी में एक शख्स और उसके दो नाबालिग बेटों समेत पांच लोगों की मौत हो गई और गांव तक पहुंचने का रास्ता बंद हो गया. यहां कई कच्चे घरों को नुकसान पहुंचा. वहीं, जंगलोट के बागरा गांव में बारिश की वजह से भूस्खलन में मां-बेटी की भी जान चली गई. सेना ने जोध घाटी से 6 घायलों को अस्पताल पहुंचाया.

कठुआ में बादल फटने की घटना जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशोती गांव में 14 अगस्त को बादल फटने से आई अचानक बाढ़ के तीन दिन बाद हुई है. बता दें कि किश्तवाड़ के चिशोती में हुई त्रासदी में 60 लोगों की जान चली गई है और 100 से अधिक लोग जख्मी हुए.