Manipur News: मणिपुर में जारी हिंसा को 3 महीने हो चुके हैं. हाल ही में मणिपुर में कुछ लोगों के एक समूह द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर धान के खेत में घुमाया गया. इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. इस मुद्दे पर राजनीति भी हो रही है, विपक्षी पार्टियां केंद्र और राज्य सरकार पर लगातार हमलावर है. इसी बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारुक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने मोदी पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर कुर्सी के लिए नफरत फैलाने का आरोप लगाया है. 

फारुख अब्दुल्ला का मणिपुर हिंसा पर बयाननेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने मीडिया के बयान में कहा कि, 'मणिपुर की स्थिति हमारे लिए एक त्रासदी जैसी है. कुर्सी के लिए नफरतें किस तरह बढ़ाई जा रही है इस पर लानत है. प्रधानमंत्री ने भी इसपर (मणिपुर हिंसा पर) जवाब दिया है लेकिन उन्हें यह संसद में कहना चाहिए था' उन्होंने आगे कहा कि ये हिंसा क्यों फैलाई जा रही है, हम सब का भगवान एक ही है, चाहे आप उसे मंदिर में देखे या मस्जिद में देखे या कहीं और देखे. इंसान को बांटने का काम नहीं करना चाहिए. हमें उम्मीद है कि मुझे संसद में इसपर बोलने का मौका मिलेगा.

मणिपुर हिंसा पर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का बयानमणिपुर में हुए घटनाक्रम के बाद खबर ये भी आई थी कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Chief Minister N. Biren Singh) इस्तीफा देने वाले हैं. समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार वो अपना इस्तीफा देने निकले लेकिन उनके कुछ समर्थकों ने उनका रास्ता रोक लिया.  दूसरी तरफ विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं. विपक्ष मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग कर रहा है.  

मणिपुर में हिंसा की वजहबता दें कि मणिपुर में जारी हिंसा को 3 महीने  हो चुके हैं. हिंसा की वजह मैतेई समुदाय को जनजाति का दर्जा देना है. कुकी समुदाय का कहना था कि मैतेई ताकतवर समुदाय है, इसे जनजाति का दर्जा न मिले. इसी बात 3 मई को ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर ने 'आदिवासी एकजुटता मार्च' बुलाया था. इसी दौरान हिंसा भड़की. अब महीनों बाद भी यह हिस्सा अब तक सुलग रहा है. इंटरनेट बैन है.  

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