विस्थापित कश्मीरी पंडितों की मातृभूमि की मांग को लेकर सक्रिय संगठन यूथ फॉर पनुन कश्मीर (Y4PK) ने बुधवार (19 नवंबर) को एक बड़े अभियान की घोषणा की है. संगठन ने बताया कि ‘महा अभियान आह्वान 2026’ की शुरुआत 16 जनवरी 2026 को जम्मू में स्थित जगती कैंप से की जाएगी.

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35 साल बाद बड़ा कदम

संगठन के चेयरमैन राहुल कौल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कश्मीर घाटी से आतंकवाद के कारण कश्मीरी पंडितों का पलायन हुए 35 साल हो चुके हैं. उन्होंने इसे ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि विस्थापित समुदाय अपनी अलग मातृभूमि की मांग को और मजबूती से राष्ट्रीय मंच पर उठाए.

राहुल कौल के मुताबिक, यह अभियान विस्थापित कश्मीरी हिंदुओं के लंबे संघर्ष में एक सबसे निर्णायक सभ्यतागत गोलबंदी साबित होगा. उनका कहना है कि यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि अपनी पहचान, सुरक्षा और सम्मानजनक वापसी के लिए लड़ रहे समुदाय की आवाज को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने का प्रयास है.

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क्यों चुना गया जगती कैंप?

जगती कैंप को शुरुआत स्थल इसलिए चुना गया है क्योंकि यह देश में कश्मीरी पंडितों का सबसे बड़ा बसावट केंद्र है. यहां हजारों विस्थापित परिवार पिछले कई सालों से रह रहे हैं और लगातार अपनी मातृभूमि व सुरक्षित पुनर्वास की मांग उठा रहे हैं.

संगठन का दावा है कि इस अभियान के माध्यम से विभिन्न राज्यों में फैले विस्थापित पंडित समुदाय, कई सामाजिक संगठनों और युवा समूहों को जोड़ा जाएगा. इसके साथ ही आने वाले महीनों में कई रैलियां, संवाद कार्यक्रम और जनजागरण अभियान चलाए जाएंगे, ताकि आंदोलन को राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन मिल सके.

पनुन कश्मीर और इससे जुड़े संगठनों की लंबे समय से मांग है कि घाटी में हिंदुओं के लिए एक अलग और सुरक्षित मातृभूमि बनाई जाए, ताकि वे अपने घरों में सम्मानपूर्वक लौट सकें. संगठन का कहना है कि इस अभियान के जरिए वे सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील करेंगे.