Jammu Srinagar NH Remained Closed: जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे शनिवार (01 मार्च) को लगातार दूसरे दिन भी बंद रहा, क्योंकि रामबन-बनिहाल सेक्टर में कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन और सड़क के कुछ हिस्सों के बह जाने के कारण कई स्थानों पर सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है.
रामबन जिले में गुरुवार (27 फरवरी) शाम को कई स्थानों पर बारिश के कारण भूस्खलन होने के बाद हाईवे बाधित हो गया था. इस बीच पीराह सुरंग की एक ट्यूब के बाहर सड़क का एक हिस्सा धंस गया है, जिससे ये पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है. एक अधिकारी ने बताया कि यहां फिलहाल यातायात रोक दिया गया है.
श्रीनगर और जम्मू के बीच सड़क संपर्क प्रभावित
ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि श्रीनगर और जम्मू के बीच सड़क संपर्क बुरी तरह प्रभावित हो सकता है, क्योंकि सड़क का एक हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है और दोनों तरफ के यातायात के लिए केवल 9-10 फीट सड़क बची है. ट्रैफिक पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने बताया, "अगर सड़क यातायात के लिए खोल भी दी जाती है, तो सिर्फ छोटी और हल्की गाड़ियों को ही गुजरने दिया जाएगा. क्षति के कारण भारी गाड़ियों को यहां से गुजरने की अनुमति नहीं दी जाएगी."
जम्मू-कश्मीर में कैसा रहेगा मौसम?
मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर ने मौसम संबंधी परामर्श जारी करते हुए 1 से 12 मार्च तक जम्मू-कश्मीर में रुक-रुक कर बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है. इस दौरान बीच-बीच में कुछ समय के लिए शुष्क मौसम की भी संभावना है. मौसम पूर्वानुमान के अनुसार 1-2 मार्च को क्षेत्र में आमतौर पर बादल छाए रहने की संभावना है, जबकि 2 मार्च की देर रात को अलग-अलग स्थानों पर हल्की बारिश या बर्फबारी की संभावना है.
3 मार्च को भारी बारिश की संभावना
वहीं, 3 मार्च को अधिक बारिश की संभावना है. अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है, जबकि उत्तर और मध्य कश्मीर के ऊंचे इलाकों में मध्यम से भारी बर्फबारी हो सकती है. श्रीनगर में मौसम विभाग के निदेशक डॉ. मुख्तार ने कहा, "1 मार्च और 2 मार्च को कश्मीर घाटी में दिन के तापमान में वृद्धि होगी, लेकिन अगले 24-48 घंटे महत्वपूर्ण हैं क्योंकि बढ़ते तापमान के कारण घाटी के संवेदनशील क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर हिमस्खलन हो सकता है."
मौसम विभाग ने आगे कहा कि 4-9 मार्च तक शुष्क मौसम के साथ 48 घंटों की संक्षिप्त राहत की भविष्यवाणी की गई है, लेकिन 10-12 मार्च के बीच भारी बारिश और बर्फबारी की एक और लहर आने से पहले बारिश की काफी संभावना है. अधिकारियों ने पर्यटकों, यात्रियों और ट्रांसपोर्टरों से प्रशासनिक और ट्रैफिक एडवाइजरी का पालन करने का आग्रह किया है. किसानों को 4 मार्च तक सिंचाई और खेतों की अन्य गतिविधियों को स्थगित करने की सलाह दी गई है.
इस दौरान भूस्खलन की संभावना जताई गई है. साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों में पत्थर गिरने की भी चेतावनी दी गई है. लोगों से राहत और आपातकाल महानिदेशालय की ओर से जारी सुरक्षा बुलेटिनों का पालन करते हुए खड़ी ढलानों और हिमस्खलन-प्रवण क्षेत्रों में जाने से बचने का आग्रह किया गया है.
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