देश भर में भारी बारिश का व्यापक असर देखने को मिल रहा है. खासकर उत्तर भारत के क्षेत्र भारी बारिश की मार ने कारण स्कूलों और कई दफ्तरों को भी बंद करना पड़ गया है. जम्मू में 26 अगस्त से भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के कारण स्कूल बंद पड़े हैं. लेकिन अब प्रशासन की ओर से इन बंद पड़े स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया है.

इन स्कूलों को 10 सितंबर से फिर से खोलने की तैयारी शुरू कर दी गई है. निदेशालय ने सभी संस्थानों को आदेश जारी कर सुरक्षा व तैयारियों को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं.

सुरक्षा व संरचना की जांच पर जोर

निदेशालय ने सभी स्कूल प्रमुखों और स्टाफ को सोमवार (8 सितंबर) से ड्यूटी पर हाजिर होने का निर्देश दिया है. आदेश में कहा गया है कि इमारतों की पूरी सुरक्षा व संरचना का ऑडिट किया जाए, ताकि छात्रों की पढ़ाई सुरक्षित माहौल में शुरू हो सके. संस्थानों को 10 सितंबर से ऑफलाइन कक्षाओं की बहाली पर अंतिम निर्णय लेने की जिम्मेदारी दी गई है.

आदेश में प्रमुख बिंदु

सभी स्कूल प्रमुख और शिक्षक सोमवार से ड्यूटी पर उपस्थित हों. स्कूल भवनों की व्यापक सुरक्षा और सुरक्षा ऑडिट अनिवार्य रूप से किया जाए. 10 सितंबर से ऑफलाइन कक्षाओं को शुरू करने पर निर्णय संस्थान स्तर पर लिया जाएगा. इसके साथ ही सभी अधिकारी समय पर अनुपालन सुनिश्चित करें, इसके लिए भी निर्देश जारी किए गए हैं.

अधिकारियों की निगरानी और रिपोर्टिंग

निदेशालय ने संबंधित मुख्य शिक्षा अधिकारियों को प्रतिदिन की गतिविधियों की निगरानी करने और विस्तृत रिपोर्ट कार्यालय को सौंपने का आदेश दिया है. अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि सभी निर्देशों का पालन समय पर और पूरी गंभीरता से किया जाए, ताकि किसी भी तरह की लापरवाही से छात्रों की सुरक्षा प्रभावित न हो.

बारिश से नुकसान और बहाली की कोशिशें

जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में 283 मकान क्षतिग्रस्त हुए और 950 लोगों को सुरक्षित निकाला गया. वहीं जम्मू–श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग चौथे दिन भी बंद रहा. उधमपुर ज़िले में डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार ने प्रभावित इलाकों का दौरा कर बहाली कार्य का जायज़ा लिया. उन्होंने कहा कि राजमार्ग को जल्द से जल्द खोलने की कोशिश जारी है, ताकि घाटी में आवश्यक आपूर्ति बाधित न हो. NHAI अधिकारियों ने उन्हें बताया कि भूस्खलन से 200 मीटर का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है.