Jammu Kashmir Statehood Issue: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार (15 अप्रैल) को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर को जल्द ही राज्य का दर्जा बहाल कर दिया जाएगा और इसके लिए “उचित समय आ गया है”.

उमर अब्दुल्ला पुलवामा जिले में एक पुल का उद्घाटन करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “हमें लगता है कि उचित समय आ गया है, विधानसभा चुनाव हुए छह महीने बीत चुके हैं. शाह (केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह) यहां आए थे, मैंने उनके साथ एक अलग बैठक की, जो अच्छी रही. मुझे अभी भी उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर को जल्द ही राज्य का दर्जा वापस मिल जाएगा.”

पुल निर्माण में देरी पर बयान

उद्घाटन के बाद अब्दुल्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चरार-ए-शरीफ को दक्षिण कश्मीर से जोड़ने वाले पुल को 2014 की बाढ़ में बह जाने के बाद पुनर्निर्माण में 11 साल लग गए. मुझे लगता है कि इस पुल को खोलना हमारी नियति थी. यह पुल दक्षिण कश्मीर को चरार-ए-शरीफ से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

वक्फ कानून पर क्या बोले उमर अब्दुल्ला?

वक्फ कानून के खिलाफ जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हुए हंगामे पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया जा सकता था, क्योंकि विधेयक संसद द्वारा पारित किया गया था.

उन्होंने कहा, "अध्यक्ष ने आखिरी दिन सबकुछ स्पष्ट कर दिया था. शायद सदस्यों की गलती यह थी कि वे स्थगन प्रस्ताव लेकर आए. स्थगन प्रस्ताव केवल जम्मू-कश्मीर सरकार के कामों पर चर्चा के लिए लाया जाता है, क्योंकि सरकार को जवाब देना होता है." 

उमर अब्दुल्ला ने कहा, "मुझे बताइए, अगर स्थगन प्रस्ताव स्वीकार कर लिया जाता, तो हम कैसे जवाब देते, क्योंकि वक्फ विधेयक हमने नहीं लाया था? इसे केंद्र ने संसद में पारित किया था."  अब्दुल्ला ने कहा कि विधानसभा में अलग नियमों के तहत प्रस्ताव स्वीकार किया जा सकता था.

वक्फ कानून के खिलाफ नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत कई दलों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और शीर्ष अदालत के समक्ष अपने विचार रखे हैं.