स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने दिल्ली के लाल किला ब्लास्ट केस की जांच के सिलसिले में कश्मीर के कई ठिकानों पर छापेमारी की है. यह रेड "व्हाइट कॉलर" टेरर मॉड्यूल और दिल्ली ब्लास्ट केस की जांच का हिस्सा है. SIA ने सेंट्रल कश्मीर के गंदेरबल जिले और श्रीनगर के बटमालू इलाके में रेड मारी. अब जांच हथियार सप्लाई लिंक और सुसाइड बॉम्बर डॉ. उमर फारूक के साथ संदिग्ध रिश्तों की ओर बढ़ रही है.
एसी टेक्नीशियन के घर पर छापेमारी
SIA ने एयर-कंडीशनिंग टेक्नीशियन तुफैल नियाज भट के घर पर छापा मारा. तुफैल श्रीनगर के दियारवानी बटमालू इलाके के रहने वाले नियाज भट का बेटा है. उसे पहले भी लाल किला ब्लास्ट केस के सिलसिले में गिरफ्तार किया जा चुका है.
अधिकारियों ने बताया कि SIA की एक टीम ने लाल किला ब्लास्ट केस की चल रही जांच के सिलसिले में तुफैल के घर पर पूरी तलाशी ली. इसका मकसद केस में शामिल बड़े नेटवर्क का पता लगाना है.
AK-47 राइफल देने में संदिग्ध भूमिका
जांच में पता चला है कि एसी टेक्नीशियन तुफैल को राइफल देने में उसकी संदिग्ध भूमिका के लिए पहले ही हिरासत में लिया जा चुका था. जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया, "भट पर शक है कि वह AK-47 राइफल का संभावित प्रोवाइडर है. यह राइफल पहले अनंतनाग के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (GMC) में डॉ. अदील अहमद को दिए गए लॉकर से मिली थी. डॉ. अदील पहले से ही इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर NIA की कस्टडी में हैं."
गंदेरबल में भी छापेमारी
अधिकारियों ने कन्फर्म किया कि इसी जांच के सिलसिले में सेंट्रल कश्मीर के गंदेरबल जिले के वकूरा में ज़मीर अहंगर के घर पर भी एक और रेड की गई. अधिकारियों ने कहा कि SIA ने कई जगहों पर अपनी जांच तेज कर दी है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, आगे भी तलाशी और गिरफ्तारी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
हथियार सप्लाई चेन का पता लगाने पर फोकस
सूत्रों ने बताया कि जांच करने वाले अब हथियार सप्लाई चेन का पता लगाने पर फोकस कर रहे हैं. साथ ही, उन मददगारों की पहचान करने पर भी काम चल रहा है जिन्होंने शायद पनाह, ट्रांसपोर्ट या टेक्निकल मदद दी हो.
क्या है लाल किला ब्लास्ट केस?
लाल किला ब्लास्ट केस एक बड़ा टेरर केस है जिसमें दिल्ली के लाल किला इलाके में धमाका हुआ था. इस केस में कई लोग शामिल पाए गए हैं और जांच एजेंसियां लगातार इसके बड़े नेटवर्क का पता लगाने में जुटी हैं. SIA और NIA दोनों ही इस मामले की गहन जांच कर रही हैं. अब तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और जांच में कई अहम खुलासे हुए हैं.
जांच एजेंसियों का मानना है कि यह एक बड़े टेरर नेटवर्क का हिस्सा है जिसमें हथियार सप्लाई, पनाह देने और तकनीकी मदद देने वालों का एक पूरा नेटवर्क काम कर रहा था. अधिकारियों ने कहा कि जांच जारी है और जल्द ही और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है.