जम्मू और कश्मीर सरकार ने बाजारों में मिलावटी अंडों की बिक्री की रिपोर्ट की तुरंत जांच के आदेश दिए हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस के MLA तनवीर सादिक ने पूरे इलाके में खाए जाने वाले अंडों में कैंसर पैदा करने वाली दवाओं के बचे हुए हिस्से होने की बात कही थी. खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री (FCS&CA) के पर्सनल सेक्शन की तरफ से जारी एक फॉर्मल जानकारी में, डिपार्टमेंट ने बढ़ती पब्लिक हेल्थ चिंताओं के बीच संबंधित अधिकारियों को इस मामले की तुरंत जांच/वेरिफिकेशन करने और दो दिनों के अंदर एक रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है.

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विधायक की चेतावनी के बाद आया आदेश

यह निर्देश सादिक की उस चेतावनी के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि नाइट्रोफ्यूरान और नाइट्रोइमिडाजोल के बचे हुए हिस्से ये दवाएं खाना बनाने वाले जानवरों में उनके कैंसर पैदा करने वाले और जहरीले गुणों की वजह से बैन हैं. लोकल बाजारों में मिलने वाले अंडों में पाए गए होंगे. तनवीर ने एक पोस्ट में कहा था कि यह मामला पब्लिक हेल्थ के लिए गंभीर खतरा है, क्योंकि अंडे बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों द्वारा बड़े पैमाने पर खाए जाते हैं. डॉक्टरों द्वारा सुझाए गए मुख्य प्रोटीन सोर्स बने हुए हैं.

रिपोर्ट में किया गया था दावा

यह विवाद तब शुरू हुआ जब ट्रस्टीफाइड ने एक लैब टेस्ट रिपोर्ट पब्लिश की, जिसमें दावा किया गया कि एगोज के अंडों के एक बैच में पोल्ट्री फार्मिंग के लिए बैन चीजों के बचे हुए हिस्से थे क्योंकि वे जीनोटॉक्सिक हैं, जिसका मतलब है कि वे DNA को नुकसान पहुंचा सकते हैं और शायद कैंसर का कारण बन सकते हैं. वीडियो में दावा किया गया है कि लैब टेस्ट में एगोज के बेचे गए अंडों में नाइट्रोफ्यूरान और नाइट्रोइमिडाजोल के निशान मिले हैं और ये एंटीबायोटिक्स कई देशों में पोल्ट्री में इस्तेमाल के लिए बैन हैं क्योंकि उनके मेटाबोलाइट्स जैसे AOZ को जीनोटॉक्सिक माना जाता है.

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विधायक ने स्वास्थ्य मंत्री से किया आग्रह

MLA ने हेल्थ मिनिस्टर और FCS&CA मिनिस्टर दोनों से आग्रह किया कि वे तुरंत सभी मार्केट में बचे हुए हिस्सों का टेस्ट करें, उन सप्लाई चेन की पहचान करें जहां से ऐसे अंडे घाटी में आए हैं, और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू करें. अलर्ट पर कार्रवाई करते हुए, FCS&CA मिनिस्टर ने लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट को दावों को वेरिफाई करने और जल्द से जल्द अपने नतीजे जमा करने का काम सौंपा.

जांच में मार्केट इंस्पेक्शन, सैंपल कलेक्शन, लैब टेस्टिंग और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का पता लगाना शामिल होने की उम्मीद है. अधिकारियों ने कहा कि अगर बैन चीजों की मौजूदगी की पुष्टि होती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.