Jammu Kashmir News: वक्फ कानून पर मचे बवाल के बीच कश्मीर घाटी में एक हिंदू संगठन ने मांग की है कि कश्मीर में तस्वीरों के लिए भी इतनी ही जमीन पर एक बोर्ड बनाया जाए जो 800 से ज्यादा सिक्कों का संरक्षण कर सके. संगठन के अनुसार पिछले 35 सालों में मधेश्या पंडितों से जुड़ी करीब 25 हजार करोड़ की संपत्ति पर अवैध कब्जा हुआ है.

कश्मीरी पंडित संघ समिति के अध्यक्ष संजय टिक्कू के अनुसार पीडीपी-कांग्रेस की सरकार ने 2003 में मंदिर संरक्षण बिल लेकर आई थी लेकिन बीजेपी ने तब इसका विरोध किया और बिल को कानून में नहीं बदला जा सका.

संजय टिक्कू ने आरोप लगाते हुए कहा, "कश्मीरी पंडितों की सबसे बड़ी दुश्मन बीजेपी है और ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि संघ जवाहर लाल नेहरू का बदला कश्मीरी पंडित समाज से ले रहा है और इसलिए कश्मीर में पंडित समाज से जुड़े तीर्थ और उनकी विरासत का संरक्षण नहीं किया गया है."  

टिक्कू ने मांग की कि अगर सरकार कश्मीर में पंडितों के वैभव को बचाने के लिए अलग से कानून नहीं बनाना चाहती तो पूरे देश में कश्मीर से कन्याकुमारी मंदिर तक एक सनातन बोर्ड बनाया जाना चाहिए.

संगठन का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में भारतीय संविधान के पूर्ण रूप से लागू होने के साथ, अब एक समर्पित और लागू करने योग्य क़ानून बनाने में कोई कानूनी बाधा नहीं है. इसके लिए अब केंद्र सरकार और उपराज्यपाल प्रशासन के पास कार्य करने की न केवल क्षमता है बल्कि निर्विवाद कर्तव्य भी है.

पूरे देश में वक्फ की वकालत करने वाले एक संगठन, "सनातन बोर्ड" की वास्तविक निगरानी और पारदर्शिता से, सभी मौजूदा धार्मिक ट्रस्टों, समितियों, संस्थाओं और इन धार्मिक संपत्तियों पर प्रबंधन का दावा करने वाली संस्थाओं को प्रस्तावित अधिनियम के अधिकार क्षेत्र में लाया जाना चाहिए, कश्मीरी पीड़ित संघर्ष समिति ने मांग उठाते हुए हिन्दू - मुस्लिम एकता के लिए वक्फ बोर्ड के साथ मिलकार काम करने का प्रस्ताव भी रख रही है .  

संजय टिक्कू ने कहा, "सनातन बोर्ड और वक्फ बोर्ड एक साथ मिलकर देश की अर्थव्यवस्था में जो बदलाव ला सकते हैं वह किसी ने सोचा नहीं होगा. देश पांच ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था नहीं पर सात ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बन जाए, इतने पैसे वाले मंदिर और मस्जिदों से आएगा".

पीडीपी नेता समिति की इस मांग को ही गलत बता रही है. पीआईपी नेता और मठ मठो के लिए रिलीफ और पुनर्वास विभाग के मंत्री रहे सईद बशर बुखारी के अनुसार वक्फ अधिनियम मुसलमानों के विकास के लिए यह अभी भी स्पष्ट नहीं है.

बुखारी ने कहा, "उनको किसने कहा कि वक्फ एक्ट से मुसलमानों को फ़ायदा होगा. अभी सरकार की व्यवस्था पर ही सवाल उठ रहा है, यह पता नहीं चला है कि वक्फ एक्ट से मुसलमानों को फ़ायदा होगा या उस पर सरकार का कब्ज़ा होगा."

संजय टिक्कू का कहना है कि जब तक 31 दिसंबर 1989 तक सभी स्थापित नहीं हो गए, तब तक सभी 1900 मंदिर और उनसे जुड़े लगभग हजार करोड़ की महिमा वापस नहीं लाई गई, वह 31 दिसंबर 1999 तक स्थापित नहीं हुए.

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