Jammu Kashmir Politics: धार्मिक संस्थाओं की स्थिति को लेकर बढ़ती चिंता के बीच जम्मू-कश्मीर में विधानसभा द्वारा वक्फ अधिनियम पर प्रस्ताव पारित करने में विफल रहने के बाद चिंताएं गहरा गई हैं, इसे ध्यान में रखते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व की एक तत्काल बैठक बुलाई है.

श्रीनगर में महबूबा मुफ्ती के जी4 गुपकार आधिकारिक आवास पर आयोजित बैठक में प्रमुख पीडीपी नेताओं ने भाग लिया, जिन्होंने विधायी मंच पर वक्फ से संबंधित मामलों को संबोधित करने में देरी के निहितार्थों पर विस्तार से चर्चा की.

पार्टी सूत्रों ने बताया कि महबूबा मुफ्ती ने इस मुद्दे पर विधानसभा की चुप्पी पर गंभीर चिंता व्यक्त की और इसे गहरे धार्मिक और प्रशासनिक महत्व का मामला बताया.

उन्होंने कथित तौर पर पार्टी सहयोगियों से कहा, "वक्फ अधिनियम पर प्रस्ताव पारित करने में विफलता केवल एक राजनीतिक चूक नहीं है, यह हमारी संस्थाओं की धार्मिक भावना और स्वायत्तता को प्रभावित करती है." इसमें वक्फ संपत्तियां, जिनमें दरगाह, मस्जिद और कब्रिस्तान शामिल हैं, लंबे समय से इस क्षेत्र में मुस्लिम समाज के धार्मिक और सांस्कृतिक ताने-बाने का केंद्र रही हैं. उचित कानून के माध्यम से उनके प्रशासन को संचालित करने में किसी भी तरह की देरी या अस्पष्टता ने समुदाय के भीतर आशंका को जन्म दिया है.

बैठक में उपस्थित नेताओं ने स्पष्ट कानून की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया जो वक्फ संपत्तियों को कुप्रबंधन या राजनीतिक हस्तक्षेप से बचाता है. उन्होंने सरकार से वक्फ अधिनियम पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने और धार्मिक निकायों की पवित्रता सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया.

इसे भी पढ़ें:  AAP विधायक मेहराज मलिक से हाथापाई के विरोध में सड़कों पर उतरे कार्यकर्ता, BJP के खिलाफ की नारेबाजी