Jammu Kashmir Delimitation News: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में परिसीमन आयोग को उसके ड्राफ्ट पर मचे हंगामे के बीच दो महीने का और समय दिया गया है. आयोग को जम्मू और कश्मीर के चुनावी क्षेत्रों की सीमा तय करनी है. आयोग की समय सीमा 6 मार्च यानी 12 दिन बाद खत्म होने वाली थी.


कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना में कहा गया- "परिसीमन अधिनियम, 2002 (2002 का 33) की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, केंद्र सरकार, 6 मार्च 2020 को जारी कानून मंत्रालय की अधिसूचना में संशोधन कर रही है.''


संयुक्त सचिव दिवाकर सिंह द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया- "उक्त अधिसूचना के में पैरा 2 में, "दो वर्ष" की जगह, "दो वर्ष और दो माह" होगा." बीते हफ्ते ही सूत्रों ने दावा किया था आयोग ने दो महीने के विस्तार का अनुरोध किया है.



क्या है परिसीमन आयोग?
बता दें सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जज जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में इस आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा और जम्मू कश्मीर के राज्य चुनाव आयुक्त पदेन सदस्य हैं. गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में अभी विधानसभा नहीं है. केंद्रशासित प्रदेश में एक विधायिका का प्रावधान किया गया है.


हाल ही में आयोग ने अपना ड्राफ्ट पेश किया है जिसके बाद केंद्र शासित प्रदेश के राजनीतिक दलों ने आपत्ति जताई है. परिसीमन आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों में बदलाव का प्रस्ताव दिया है.


आयोग ने चार फरवरी को सहयोगी सदस्यों को ड्राफ्ट भेजा था और 14 फरवरी तक आपत्ति दर्ज कराने को कहा था. हालांकि कुछ राजनीतिक दलों ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह इस रिपोर्ट में हस्तक्षेप करें.


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