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जम्मू कश्मीर में चार सीटों पर राज्यसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने कमर कस ली है. साढ़े चार घंटे की एक मैराथन बैठक के बाद, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस ने रविवार (12 अक्टूबर) को ऐलान किया कि वह नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा ऑफर की जा रही राज्यसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ेगी, क्योंकि यह सीट 'जोखिम भरी' है.

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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा ने जानकारी दी है कि उन्हें दी गई चौथी सीट पर चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है.

कांग्रेस ने जो सीट मांगी थी, एनसी ने वो नहीं दी

हामिद कर्रा ने कहा, "राज्यसभा चुनावों को लेकर गहन चर्चा हुई है. सदस्यों की एकमत राय थी कि हमारे केंद्रीय नेतृत्व ने एक सुरक्षित सीट, या तो सीट नंबर 1 या 2, की मांग की थी. हालांकि, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने हमें सीट नंबर 4 ऑफर की है, जो बाकी सीटों से कम सुरक्षित है.

कांग्रेस ने फारूक-उमर अब्दुल्ला को लिखी चिट्ठी

परिस्थितियों को देखते हुए, सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि हम सीट नंबर 4 पर कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगे और यह फैसला अपने गठबंधन सहयोगियों पर छोड़ देंगे. उन्होंने आगे कहा कि पार्टी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस नेतृत्व को अपनी स्थिति के बारे में जानकारी दे दी है.

हामिद कर्रा ने कहा, "हमने अपने फैसले के बारे में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को आधिकारिक तौर पर एक पत्र लिखा है. उनके कहने पर हमने पत्र फारूक अब्दुल्ला को भी भेज दिया है. हालांकि, अभी तक उनकी ओर से कोई जवाब नहीं आया है."

नेशनल कॉन्फ्रेंस से नाराज कांग्रेस?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों ने सरकार, विकास के मुद्दों और गठबंधन सहयोगियों के बीच समन्वय समिति के अभाव पर नाराजगी और अप्रसन्नता व्यक्त की है.

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