Jammu Kashmir News: जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गुरुवार को विधायकों के वेतन को संशोधित करने के लिए संसद प्रणाली की तर्ज पर एक विधानसभा पैनल के गठन का आह्वान किया, उन्होंने बताया कि पिछले दस वर्षों से उनके वेतन में संशोधन नहीं किया गया है. 

विधायकों की निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि (सीडीएफ) आवंटन में वृद्धि की मांग को स्वीकार करते हुए सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि प्रति विधायक 3 करोड़ रुपये से 4 करोड़ रुपये तक की उचित बढ़ोतरी पर विचार किया जाएगा. तीन दिनों तक चली चर्चा के बाद अनुदानों की मांगों का जवाब देते हुए उन्होंने संसदीय मॉडल पर आधारित एक संरचित वेतन संशोधन तंत्र को लागू करने के लिए राजनीतिक दलों के नेताओं की एक समिति की स्थापना का प्रस्ताव रखा. 

'4 करोड़ तक करने पर विचार'उन्होंने कहा, "संसद में, वेतन संशोधन हर पांच साल में होता है, जो महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से जुड़ा होता है. इस मुद्दे को हल करने के लिए हमारी विधानसभा के लिए एक समान प्रणाली अपनाई जानी चाहिए." सीएम ने कहा कि प्रति विधायक 3 करोड़ रुपये से 4 करोड़ रुपये करने की उचित बढ़ोतरी पर विचार किया जाएगा. 

रिटायर एमएलए पर क्या कहा?सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि एक सांसद को 5 करोड़ रुपये मिलते हैं. उन्होंने विधायकों को उनके निजी सहायकों (पीए) के मानदेय में वृद्धि का आश्वासन दिया और पूर्व विधायकों के लिए पेंशन संरचना की समीक्षा करने का वादा किया. उन्होंने पूर्व विधायकों की पेंशन बढ़ोतरी की मांगों का जवाब देते हुए कहा एक बार जब कोई सदस्य रिटायर हो जाता है, तो उनकी वित्तीय स्थिति अक्सर मुश्किल हो जाती है. इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है. 

हालांकि, उन्होंने पारदर्शिता और उचित प्रक्रियाओं की आवश्यकता पर बल देते हुए सीडीएफ के तहत बिना निविदाओं के छोटे कार्यों की अनुमति देने की कुछ सदस्यों की मांग को खारिज कर दिया. सरकारी विज्ञापनों के वितरण के बारे में चिंताओं को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री ने पारदर्शिता और निष्पक्षता का आश्वासन दिया.

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