जम्मू-कश्मीर राज्य के किश्तवाड़ में मचैल माता यात्रा के दौरान हुए विनाशकारी बादल फटने और अचानक आई बाढ़ की घटना के ठीक एक सप्ताह बाद जम्मू-कश्मीर के भद्रवाह क्षेत्र में तीन दिवसीय वार्षिक पवित्र कैलाश यात्रा धार्मिक उत्साह और आस्था के साथ शुरू हो गई है.

65 से ज्यादा तीर्थयात्रियों की मृत्यु हो गई है, और 70 से ज़्यादा अभी भी लापता हैं, जबकि बचाव अभियान अभी भी जारी है. कैलाश यात्रा की छड़ी मुबारक भगवान वासुकी नाग की स्तुति के बीच प्राचीन वासुकी नाग मंदिर, गाथा, भद्रवाह से कैलाश कुंड के लिए रवाना हुई.

22 अगस्त को भद्रवाह के लिए वापसी यात्रा शुरू 

यात्रा भद्रवाह कस्बे से गुजरी, जहां जिला विकास आयुक्त (DDC) अध्यक्ष धनंतर सिंह कोतवाल, विधायक दलीप सिंह परिहार, पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. निर्मल सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संदीप मेहता, ADC अनिल कुमार ठाकुर, ADC भद्रवाह सुनील कुमार भूत्याल, ASP विनोद शर्मा, BDA के CEO जोगिंदर सिंह, सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष, अन्य तहसील अधिकारियों और बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने तीर्थयात्रियों को गर्मजोशी से विदाई दी.

निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार हयान (नाल्थी) में रात्रि विश्राम के बाद यात्रा 21 अगस्त 2025 को अपने पवित्र गंतव्य पर पहुंचेगी, जहां भक्त कैलाश डल के पवित्र जल में डुबकी लगाएंगे. धार्मिक अनुष्ठानों के बाद यात्रा 22 अगस्त 2025 को भद्रवाह के लिए अपनी वापसी यात्रा शुरू करेगी.

पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था सहित व्यापक प्रबंध

स्थानीय प्रशासन ने यात्रा मार्ग पर पर्याप्त दवाओं के साथ चिकित्सा दलों की तैनाती, पेयजल, जनरेटर आधारित बिजली, जलाऊ लकड़ी, तीर्थयात्रियों के लिए टेंट और यात्रा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था सहित व्यापक प्रबंध किए हैं.

इस साल हाल ही में बादल फटने की घटनाओं और क्षेत्र में खराब मौसम की स्थिति को देखते हुए, एहतियात के तौर पर केवल सीमित यात्रियों को ही यात्रा में भाग लेने की अनुमति दी गई है. बता दें, बादल फटने के बाद जब चसोटी में अचानक बाढ़ आई तब उस समय वहां भारी संख्या में श्रद्धालु और तीर्थयात्री माजूद थे.