जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भारत-पाकिस्तान रिश्तों को लेकर बड़ा बयान दे दिया है. उन्होंने रूस-यूक्रेन के बीच शांति स्थापित करने के ट्रंप के प्रयासों की सराहना की और पीएम मोदी से अपील की है कि हमें भी पड़ोसी मुल्क (पाकिस्तान) के साथ रिश्ते सुधारने चाहिए.
दरअसल, 'आई विटनेस' पुस्तक विमोचन समारोह में जनता को संबोधित करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, "जब आतंकवाद चरम पर था, तब हमें बहुत कष्ट सहना पड़ा था. आज सच बोलना बहुत कठिन हो गया है, क्योंकि सच को बर्दाश्त करने वाले लोग अब नहीं रहे."
'बंटवारे ने जो लकीरें खींचीं, उन्हें मिटाने की जरूरत'फारूक अब्दुल्ला ने आगे काह, "जो पार्टिशन हुआ, उसने हमारे दिलों पर एक लकीर खींच दी. इस लाइन को आजतक हम बर्दाश्त कर रहे हैं. यह कब तक चलेगा, पता नहीं. हमारे नेतृत्व को डोनाल्ड ट्रम्प का रास्ता अपनाना चाहिए, वे व्लादिमिर पुतिन से मिले. नतीजा यह हुआ कि दो रूस-यूक्रेन जैसे कट्टर दुश्मन अब मिलकर रास्ते सुधारने की और दुनिया में अमन लाने की कोशिश कर रहे हैं. हमारे प्रधानमंत्री को भी ऐसे कदम उठाने पड़ेंगे. ताकि दुनिया में अमन लाने का हिस्सा हम भी बन सकें."
'हर प्रधानमंत्री ने अपने समय में भारत को आगे बढ़ाया'फारूक अब्दुल्ला ने कहा, 'जो पढ़े हैं वो जानेंगे कि हर प्रधानमंत्री ने अपने वक्त में देश के लिए अच्छा ही किया है. अगर आज भारत यहां तक पहुंचा है तो यह 2014 से नहीं है, बल्कि 1947 से है जब नेहरू प्रधानमंत्री हुआ करते थे और उन्होंने लाल किले पर झंडा चढ़ाया था. उस समय सबको आखिरकार लगा था कि हां यह वतन अब अंग्रेजों से आजाद हो गया है. अब हम आजादी से जी सकेंगे, हमें कोई खतरा नहीं रहेगा.'
राजीव गांधी का किया जिक्रराजीव गांधी का जिक्र कर उन्होंने कहा, "मुझे याद है जब राजीव गांधी चीन गए थे, मैं मुख्यमंत्री था, एक पूर्व प्रधानमंत्री उनसे मिलना चाहते थे, वे मिलने आए. मैं राजीव गांधी के पास गया, उनसे कहा कि एक पूर्व प्रधानमंत्री चीन में उनका इंतज़ार कर रहे हैं. वे कई प्रधानमंत्रियों से मिलते थे, लेकिन उनका प्रयास सत्य की खोज करना होता था."