Jammu & Kashmir News: जम्मू-कश्मीर विधानसभा में वक्फ (Waqf) कानून को लेकर मचा सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. कश्मीर घाटी से 3 विधायकों ने विधानसभा स्पीकर अब्दुल रहीम राथर (Abdul Rahim Rather) के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. इन विधायकों का आरोप है कि स्पीकर ने वक्फ बिल पर उनकी राय व्यक्त करने में बाधा डाली है.
स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेशहंदवाड़ा से विधायक सज्जाद गनी लोन, कुपवाड़ा से मीर मोहम्मद फैयाज और त्राल से विधायक रफीक अहमद ने विधानसभा सचिव को एक पन्ने का अविश्वास प्रस्ताव सौंपा है. प्रस्ताव में लिखा गया है, “हमने माननीय अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है. वे वक्फ बिल के खिलाफ हमारी राय व्यक्त करने में बाधा बन गए हैं."
प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर भारत का एकमात्र मुस्लिम बहुल राज्य है, और अगर विधायकों ने इस कानून के खिलाफ मजबूत संदेश नहीं दिया, तो इतिहास उन्हें अपमानित करेगा.
सज्जाद लोन का नेशनल कांफ्रेंस पर निशानाइस मुद्दे पर विधानसभा में जोरदार हंगामा भी देखने को मिला. पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष और विधायक सज्जाद गनी लोन ने नेशनल कांफ्रेंस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जहां एक ओर उनके विधायक वक्फ कानून पर बहस की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला केंद्र सरकार के एक मंत्री के साथ ट्यूलिप गार्डन में चहल-कदमी कर रहे हैं.
एबीपी न्यूज़ से बातचीत में सज्जाद लोन ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस सत्ता पक्ष और विपक्ष की भूमिका एक साथ नहीं निभा सकती. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी इस कानून पर बहस चाहती है और स्पीकर नहीं मान रहे, तो उन्हें खुद स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए और एक ऐसा अध्यक्ष चुनना चाहिए जो सभी को बोलने का मौका दे.
इस घटनाक्रम के बाद जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है, और आने वाले दिनों में इस पर सियासत और तेज़ हो सकती है.