Jammu Kashmir Alcohol Ban: जम्मू और कश्मीर में शराब बंदी की मांग को लेकर राजनीतिक दल सड़कों पर उतर आए हैं. इससे पहले महबूबा मुफ्ती की पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और उमर अब्दुल्ला की नेशनल कांफ्रेंस (NC) के कई विधायक इस मांग को लेकर प्राइवेट मेंबर बिल लाने की बात कह चुके हैं. ऐसे में मार्च के पहले हफ्ते से शुरू होने वाले जम्मू कश्मीर विधानसभा सत्र की शुरुआत हंगामेदार होने की पूरी आशंका है. 

बाकी मुद्दों के साथ-साथ इस बार जम्मू कश्मीर विधानसभा में केंद्र शासित प्रदेश में शराबबंदी लागू करने की मांग पर भी हंगामा होने के पूरे आसार हैं. 

'मंदिरों और पैगंबर की धरती बनी शराब की धरती'दरअसल, पीडीपी और सत्तारूढ़ नेशनल कांफ्रेंस के कई विधायक जम्मू कश्मीर में शराबबंदी की मांग को लेकर विधानसभा में प्राइवेट मेंबर बिल लाने की बात कह चुके हैं. वहीं, आज (शुक्रवार, 14 फरवरी) इस बिल के समर्थन में जम्मू में शिवसेना ने प्रदर्शन किया है. 

शिवसेना का दावा है कि जम्मू कश्मीर मंदिरों और पीर पैगंबरों की धरती है और मौजूदा सरकार की नीतियों के चलते अब यह धरती शराब की धरती बन गई है. 

'नशा मुक्ति केंद्र में बढ़ रही लोगों की संख्या'शिवसेना के प्रदेश अध्यक्ष मनीष साहनी ने आरोप लगाया कि शराब और नशे के चलते जम्मू कश्मीर में नशा मुक्ति केंद्रों में मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले पांच साल में इन नशा मुक्ति केद्रों में पहुंचने वाले लोगों की संख्या लगभग दोगुनी हो चुकी है. 

मनीष साहनी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में न केवल प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी का तीर्थ स्थल है, बल्कि यहां अमरनाथ की गुफा समेत कई प्रसिद्ध मजार भी है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में तीर्थ स्थल जुड़े पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए और ऐसे में शराब बंदी लागू होना अहम है. 

बीजेपी से मांगा जवाबशिवसेना नेता ने भारतीय जनता पार्टी पर भी निशाना साधा और मांग की कि बीजेपी को भी प्रदेश में शराबबंदी पर अपना रूप साफ करना चाहिए. 

 

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