मौसम विभाग द्वारा जम्मू कश्मीर में अगले दो दिनों तक भारी बारिश और मौसम खराब रहने की चेतावनी के बाद जम्मू में सोमवार (6 अक्टूबर) और मंगलवार (7 अक्टूबर) को स्कूल बंद कर दिए गए हैं. आदेश के मुताबिक, छात्रों और कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जम्मू संभाग के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल दो दिन बंद रहेंगे.

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जम्मू और कश्मीर में कैसा रहेगा मौसम?

जम्मू और कश्मीर में रविवार (5 अक्टूबर) से पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मौसम फिर से खराब होने की आशंका है, जिससे मैदानी इलाकों में व्यापक बारिश और ऊँचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो सकती है.

भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी परामर्श में कहा गया है कि 5 से 7 अक्टूबर तक जम्मू-कश्मीर में सामान्यतः बादल छाए रहेंगे और अधिकांश स्थानों पर रुक-रुक कर हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं. परामर्श में कहा गया है, "ऊंचे इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी की संभावना है. 6 अक्टूबर को जम्मू संभाग में कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश और कश्मीर संभाग में कुछ स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश की संभावना है. 8 अक्टूबर को कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है, जबकि 9 से 14 अक्टूबर तक पूरे जम्मू-कश्मीर में मौसम सामान्यतः शुष्क रहने की उम्मीद है."

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मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के ऊपरी इलाकों में 6 इंच से 1.5 फीट तक बर्फबारी हो सकती है, जबकि उत्तरी कश्मीर के ऊपरी इलाकों में लगभग एक फीट बर्फबारी हो सकती है. 

मौसम विभाग ने जारी की ये सलाह

मौसम विभाग ने लोगों के लिए एक विस्तृत सलाह जारी की है और किसानों से 5-7 अक्टूबर के बीच कटाई और अन्य कृषि कार्यों को स्थगित रखने को कहा है. सलाह में कहा गया है, "जम्मू संभाग के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश और कश्मीर संभाग के अलग-अलग इलाकों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है, साथ ही गरज, बिजली और तेज़ हवाएँ भी चल सकती हैं. संवेदनशील इलाकों में भूस्खलन और पत्थर गिरने की संभावना है."

इसमें आगे कहा गया है, "कश्मीर घाटी, चिनाब घाटी और पीर पंजाल पर्वतमाला के ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी होने की संभावना है, जबकि दक्षिण कश्मीर और चिनाब घाटी के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बर्फबारी की संभावना है."

सीएम ने की थी उच्चस्तरीय बैठक

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कल यहां सिविल सचिवालय में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की थी जिसमें मौसम विज्ञान केंद्र द्वारा जारी मौसम संबंधी सलाह के मद्देनजर विभिन्न विभागों की तैयारियों की समीक्षा की गई. मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को फलों की फसलों को संभावित नुकसान को कम करने, आवश्यक सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने और मौसम संबंधी व्यवधान के दौरान सभी प्रमुख सड़कों और राजमार्गों को चालू रखने के लिए पूरी तरह तैयार रहने का निर्देश दिया था.

व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कृषि और बागवानी विभागों को किसानों और बागवानों को समय पर सलाह जारी करने और विशेष रूप से कटाई के चरम मौसम के दौरान, टर्मिनल बाजारों तक फलों के सुचारू परिवहन को सुनिश्चित करने को कहा था. उन्होंने लोक निर्माण विभाग और एनएचआईडीसीएल, एनएचएआई, संपर्क और बीकन सहित राष्ट्रीय राजमार्ग एजेंसियों को निर्बाध सड़क संपर्क बनाए रखने के लिए संवेदनशील स्थानों पर बर्फ और मलबा हटाने के लिए पर्याप्त मशीनरी तैयार रखने को कहा.