जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. कहीं भू-स्खलन तो कहीं नदीयों का रौद्र रूप लोगों को भय के साये में डाल दिया है. इतना ही नहीं राजौरी और सांबा जिलों में जमीन धंसने की घटना भी सामने आई.

सोमवार (1 सितंबर) को जमीन धंसने की घटनाओं के बाद प्रशासन ने 19 परिवारों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया. इसमें राजौरी के 11 और सांबा के 8 घर शामिल हैं. अधिकारियों ने बताया कि इन इलाकों को “जोखिम क्षेत्र” घोषित कर दिया गया है ताकि किसी बड़ी त्रासदी को टाला जा सके.

प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

कोटरंका के अतिरिक्त उपायुक्त दिल मीर ने जानकारी दी कि राजौरी के बधाल गांव में लगातार बारिश की वजह से जमीन का बड़ा हिस्सा धंसने लगा है. इस स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने प्रभावित परिवारों को तुरंत निकाला. बधाल गांव को जोखिम क्षेत्र घोषित किया गया. भूधंसाव जारी रहने पर घरों को बड़ा नुकसान होने की आशंका. परिवारों के लिए अस्थायी ठहराव और राहत की व्यवस्था की गई.

सांबा जिले में हालात

भारी बारिश से सांबा जिले का एक छोटा गांव भी गंभीर खतरे में आ गया है. यहां जमीन धंसने से कई घर ढहने की कगार पर हैं. अधिकारियों ने समय रहते आठ परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिसके चलते जमीन कमजोर हो गई है. कई घर दरारों के चलते रहने लायक नहीं बचे. प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में रखा गया. प्रशासन ने आपदा प्रबंधन दल को सतर्क मोड पर रखा है.

स्कूलों पर भी पड़ा असर

लगातार बारिश और भूधंसाव के खतरे को देखते हुए जम्मू डिवीजन के सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 2 सितंबर तक बंद रखने का आदेश दिया गया है. इससे छात्रों और अभिभावकों को राहत मिली है, ताकि किसी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके. पीटीआई के अनुसार, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर बारिश का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो आने वाले दिनों में और क्षेत्रों में जमीन धंसने का खतरा बढ़ सकता है. प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और जोखिम वाले क्षेत्रों से दूर रहने की अपील की है.