Jammu Kashmir News: भारत और पाकिस्तान में सीजफायर लागू कर दिया गया है. हालांकि सीमापार से हो रही गोलाबारी के कारण अपने घर छोड़कर जाने वाले सीमावर्ती गांवों के निवासियों से रविवार (11 मई) को जम्मू-कश्मीर में अधिकारियों ने अपने घर नहीं लौटने को कहा. अधिकारियों ने कहा कि वे फिलहाल अपने घर वापस न लौटें, क्योंकि अभी इन क्षेत्रों की गहन जांच की जानी है और उस गोला-बारूद को हटाना है, जो वहां पड़ा हो सकता है.

वहीं नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के निकट स्थित गांवों के दो लाख से अधिक निवासियों को सात मई को पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी शुरू होने के बाद सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था. कश्मीर घाटी में पुलिस की ओर से जारी एक परामर्श में कहा गया, "सीमावर्ती गांवों में वापस न लौटें. पाकिस्तानी गोलाबारी के बाद वहां गोला-बारूद के बिखरे होने से जान जोखिम में पड़ सकती है."

2023 में बचे हुए गोला बारूद से गई थी 41 जानेंपरामर्श में कहा गया है कि बम निरोधक दस्तों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाएगा ताकि गांवों की गहनता से जांच की जा सके और उन सभी गोला-बारूद को हटाया जा सके, जिनसे जान का नुकसान हो सकता है. इसमें कहा गया है, "2023 में नियंत्रण रेखा के पास बचे हुए गोला-बारूद में विस्फोट होने से 41 लोगों की जान चली गई थी."

'संदिग्ध वस्तु का न छुएं'जम्मू क्षेत्र में, सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली से लैस पुलिस वाहन सबसे अधिक प्रभावित पुंछ जिले में चक्कर लगाते देखे गए और लोगों से घरों, परिसरों या खुले मैदानों में पड़ी किसी भी संदिग्ध वस्तु को न छूने का आग्रह किया. पुलिस ने कहा, "अपने घरों को लौट रहे लोगों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध वस्तु के बारे में तुरंत पुलिस या निकटतम सुरक्षा शिविर को सूचित करने की सलाह दी जाती है. संदिग्ध वस्तु जान के लिए खतरनाक हो सकती है."

पूंछ में अब तक 18 लोगों की मौतभारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत होने के बाद बुधवार को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादियों के नौ ठिकानों पर हमला किया था. तब से लेकर अब तक भारत में 25 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें सबसे अधिक 18 लोगों की मौत पुंछ में हुई है और 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं.