नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ और जम्मू-कशअमीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने शुक्रवार (12 सितंबर) को कहा कि हर जगह मुसलमान पिट रहे हैं क्योंकि हम अल्लाह से दूर हैं. श्रीनगर के हजरतबल दरगाह में जुमे की नमाज के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि अल्लाह हमारे गुनाहों को माफ करें और जम्मू-कश्मीर की आवाम को इस मुश्किल से निकाले. हिंदुस्तान पर अल्लाह रहम करें और भाईचारा बना रहे. हिंदू और मुसलमानों की दोस्ती कायम रहे.

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फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा, "हर जगह टकराव है. गाजा में देखिए क्या हाल है. हर जगह मुसलमान पिट रहा है क्योंकि हम अल्लाह से दूर हैं. जब तक हम अल्लाह की तरफ वापस नहीं जाएंगे और बईमानी और चोरी नहीं छोड़ देंगे तब तक अल्लाह हमें माफ करने वाला नहीं है." 

सुर्खियों में क्यों आया हजरबल दरगाह?

जिस हजरतबल दरगाह में फारूक अब्दुल्ला पहुंचे थे वो कुछ दिनों पहले सुर्खियों में आया था. दरअसल,  हज़रतबल दरगाह पर जीर्णोद्धार के दौरान अशोक चिह्न वाली मार्बल लगा दी गई है. बाद में इसे भीड़ ने तोड़ दिया. इसके बाद जम्मू कश्मीर में इस मामले ने तूल पकड़ लिया. हजरतबल दरगाह को जम्मू-कश्मीर के मुसलमानों का आध्यात्मिक केंद्र माना जाता है, जो उनकी आस्था और पहचान का प्रतीक है.

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महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा था?

इस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई थीं. महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि हजरतबल में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची. माफी मांगने और वक्फ बोर्ड और उसकी अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, उन्होंने इस घटना पर अपना गुस्सा जताने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया.

बीजेपी सांसद ने भी दी थी प्रतिक्रिया

श्रीनगर के हजरतबल दरगाह में अशोक स्तंभ चिन्ह को तोड़े जाने की घटना पर बीजेपी सांसद गुलाम अली खटाना ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि ये राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान है और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की जानी चाहिए.