Jammu Kashmir Statehood Demand: जम्मू और कश्मीर में एक बार फिर 'पूर्ण' राज्य के दर्जे की मांग उठी है. केंद्र सरकार से लगातार यह मांग रखने वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर कहा कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना कोई 'रियायत' नहीं बल्कि 'संवैधानिक अधिकार' है. 

बुधवार (18 जून) को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में एनसी कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने इलाके में पूर्ण लोकतांत्रिक शासन की तत्काल वापसी का आह्वान किया. उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल होना चाहिए. संविधान के तहत यह हमारा अधिकार है. राज्य का दर्जा कोई तोहफा नहीं है, यह लोगों का अधिकार है, जिसका लंबे समय से इंतजार है और जिसका वादा सत्तारूढ़ सरकार ने बार-बार किया है.’’

'केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा एक बाधा'फारूक अब्दुल्ला ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि जम्मू कश्मीर में एनसी सरकार इन चुनौतियों को प्राथमिकता दे रही है. उन्होंने जम्मू कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे की भी आलोचना की और कहा कि यह वास्तविक शासन में बाधक है.

सीएम उमर अब्दुल्ला भी लगातार कर रहे ये मांगजम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी केंद्र सरकार पर लगातार इस बात का दबाव डाल रहे हैं कि अपने वादे के अनुसार मोदी सरकार जे एंड के को वापस पूर्ण राज्य बनाए. चिनाब रेल ब्रिज के उद्घाटन के दौरान जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीनगर पहुंचे थे तब उमर अब्दुल्ला ने बड़े हल्के अंदाज में कहा था कि उनका 'डिमोशन' हो गया है. पहले वह एक राज्य के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और अब एक केंद्र शासित प्रदेश के सीएम हो गए हैं. 

इसके बाद उन्होंने उम्मीद जताई थी कि पीएम मोदी जल्द इसमें सुधार करेंगे और जम्म-कश्मीर के जल्द पूर्ण राज्य होने का ऐलान करेंगे. जम्मू-कश्मीर की जनता भी समय-समय पर यह मांग उठाती रही है.