दिल्ली में लाल किले के पास हुए ब्लास्ट में 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि करीब 20 लोग घायल हैं जिनका इलाज दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में चल रहा है. दिल्ली में हुए इस आतंकी हमले का कनेक्शन जम्मू कश्मीर से भी जुड़ा है, क्योंकि टेरर मॉड्यूल के संदिग्ध आतंकी डॉक्टर आदिल, मुजम्मिल और ब्लास्ट के दौरान कार में बैठा डॉक्टर उमर, तीनों ही जम्मू-कश्मीर से आते हैं. इसको लेकर अब मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान आया है.
सीएम उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली ब्लास्ट पर कहा, "पहले रिएक्शन मैंने पहले ही दिन दिया था. इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है. बेगुनाह लोगों का इस तरह बेरहमी से कत्ल करना, किसी भी मजहब और कोई भी मुद्दा इस चीज की इजाजत नहीं देती. कार्रवाई चल रही है, जांच होता रहेगी."
'हर कश्मीर आतंकी के साथ नहीं'- उमर अब्दुल्ला
वहीं, आतंक और जम्मू कश्मीर के कनेक्शन पर सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, "एक चीज का हमें ख्याल रखना होगा कि जम्मू कश्मीर का हर व्यक्ति आतंकवादी नहीं है. जम्मू कश्मीर का हर व्यक्ति आतंकवादियों के साथ नहीं है. यह चंद लोग हैं जिन्होंने हमेशा यहां शांति और भाईचारे को बिगड़ने की कोशिश की है."
उन्होंने आगे कहा, "बदकिस्मती से जब हम हर जम्मू कश्मीर के व्यक्ति को और हर कश्मीरी मुसलमान को एक ही नजर से देखना शुरू करते हैं और यह तस्वीर देना शुरू करते हैं कि हर कश्मीरी मुसलमान आतंकवादी है. फिर बहुत मुश्किल होता है लोगों को सही पटरी पर रखना."
इतना ही नहीं, सीएम उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा, "मैं तो मन कर चलता हूं जो लोग इस हादसे के लिए कसूरवार हैं, उन्हें पड़कर सख्त सजा मिलनी चाहिए लेकिन जो बेगुनाह लोग हैं, उन्हें इससे बाहर रखना होगा."
'कौन कहता है पढ़े लिखे लोग आतंकवाद में नहीं पड़ते?'- CM उमर अब्दुल्ला
सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, "इससे पहले आपने यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर देखें. एक एसोसिएट प्रोफेसर कश्मीर यूनिवर्सिटी के था. यह कहां पर लिखा हुआ है कि पढ़े-लिखे लोग इन चीजों में नहीं पड़ते. मैं तो हैरान इस बात से हूं कि जिन लोग जब उसे नौकरी से निकाल दिया गया तो ये कौन सी इन्वेस्टिगेशन हुई? नौकरी से तो आपने निकाल दिया तो कार्रवाई क्या हुई? अगर आपको लगता है कि वह आतंकवादी गतिविधियों में इसकी इंवॉल्वमेंट है तो आप वह सबूत लेकर अदालत क्यों नहीं गए? नौकरी से निकाल कर मामला खत्म नहीं होता, यह चीज आपके सामने है.