Jammu Kashmir News: दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को जेल में बंद सांसद राशिद इंजीनियर की याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया. बारामूला से सांसद पर आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन मुहैया कराने का आरोप है. उन्होंने संसद के बजट सत्र में भाग लेने की अदालत से हिरासत पैरोल की मांग की है. न्यायमूर्ति विकास महाजन ने बारामूला सांसद और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के वकीलों की दलीलें सुनीं और कहा, "फैसला सुरक्षित है." एनआईए के वकील ने राशिद इंजीनियर की याचिका का विरोध किया.

अदालत को बताया गया कि राशिद को संसद सत्र में भाग लेने का कोई निहित अधिकार नहीं है. जवाब में राशिद इंजीनियर के वकील ने भी दलील पेश की. उन्होंने बताया कि मुवक्किल के निर्वाचन क्षेत्र का संसद में प्रतिनिधित्व नहीं हो पा रहा है. इसलिए संसद सत्र में मुवक्किल को भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए. वकील ने तर्क दिया, "मैं जम्मू-कश्मीर के सबसे बड़े निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता हूं. जब समावेश की प्रक्रिया शुरू हो गई है तो प्रतिनिधित्व को न रोकें. निर्वाचन क्षेत्र की आवाज को न दबाएं."

सांसद राशिद इंजीनियर की याचिका पर फैसला सुरक्षित

अदालत राशिद इंजीनियर की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. आरोप लगाया गया है कि पिछले साल लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद एनआईए अदालत ने जमानत याचिका को अधर में छोड़ दिया था, क्योंकि विशेष एमपी-एमएलए अदालत नहीं थी. अंतरिम राहत के तौर पर बारामूला सांसद ने हिरासत पैरोल दिए जाने की मांग की.

संसद सत्र में भाग लेने के लिए हिरासत पैरोल की मांग

इससे पहले, एनआईए ने संसद सत्र में भाग लेने के लिए अंतरिम जमानत मांगने वाली राशिद की याचिका का विरोध किया और कहा कि सांसद के तौर पर उन्हें ऐसा कोई "अधिकार" नहीं है. याचिका में राशिद ने आग्रह किया गया है कि हाई कोर्ट या तो लंबित जमानत याचिका का शीघ्र निपटारा करने का एनआईए अदालत को निर्देश दे या मामले पर खुद फैसला करे. राशिद इंजीनियर गिरफ्तारी के बाद 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं. 

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