Amarnath Yatra 2025: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद इस साल सालाना अमरनाथ यात्रा का आयोजन एक 'चुनौती' होगी, लेकिन यात्रा के सुचारु संचालन के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के कामकाज का आकलन करने के लिए गुलमर्ग में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें आपातकालीन तैयारियों, पर्यटकों की सुरक्षा, खेल और साहसिक पर्यटन, मोबाइल कनेक्टिविटी तथा स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास जैसे क्षेत्रों में कार्यों की समीक्षा की गई.

सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, आगामी धार्मिक पर्वों की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गई. उन्होंने कहा कि मेला खीर भवानी, ईद, मुहर्रम और अमरनाथ यात्रा जैसे आगामी धार्मिक आयोजनों पर चर्चा करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि 'इस वर्ष की यात्रा विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण होगी.' बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, "सुरक्षा और साजो-सामान की दृष्टि से हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि यात्रा सुचारू रूप से संपन्न हो. आपके अनुभव को देखते हुए मुझे विश्वास है कि सभी आवश्यक प्रबंध किए जाएंगे."

राज्य का दर्जा बहाल करने को लेकर क्या बोले उमर अब्दुल्ला?

इसके अलावा सीएम उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने को लेकर बातचीत रुकी नहीं है. साथ ही उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने हाल ही में नीति आयोग की शासी परिषद की बैठक में यह मुद्दा उठाया था.

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य के दर्जे को लेकर बातचीत रुकी नहीं है. एकमात्र चीज जो मैं करने के लिए तैयार नहीं था, वह थी जम्मू कश्मीर विधानसभा के विशेष सत्र का इस्तेमाल राज्य के दर्जे के बारे में बात करने के लिए करना. लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि बातचीत रुक गई है. बातचीत जारी है.’’

वहीं पर्यटन को फिर से पटरी पर लाने के मुद्दे पर यहां एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि देश के अन्य भागों से लोगों के आने की अपेक्षा करने से पहले कश्मीरियों को घाटी में पर्यटन स्थलों का दौरा करना चाहिए.