अमरनाथ यात्रा के बालटाल रूट पर हुए हादसे के बाद गुरुवार (17 जुलाई) को जम्मू से अमरनाथ यात्रा का जत्था रवाना नहीं हुआ. इस बीच इस साल की श्री अमरनाथजी यात्रा 2.50 लाख के पार हो गई है. 17 जुलाई को दोपहर 2 बजे तक 5110 तीर्थयात्रियों ने श्री अमरनाथ जी मंदिर के पवित्र दर्शन किए हैं. इस साल 3 जुलाई को शुरू हुई यात्रा के बाद से, पहले 15 दिनों में पवित्र गुफा के दर्शन करने वाले यात्रियों की कुल संख्या 2.51 लाख तक पहुंच गई है.
देश-विदेश से आ रहे तीर्थयात्री
यात्रा शुरू होने के बाद से ही देश-विदेश से तीर्थयात्री इस पवित्र गुफा में उमड़ रहे हैं और उन्होंने यात्रा के संचालन में सेवाओं और कुशल प्रबंधन की सराहना करने के अलावा, आस्था की इस यात्रा में अत्यधिक उत्साह व्यक्त किया है.
अमरनाथ यात्रियों का जोश बरकरार
अमरनाथ यात्रा के बालटाल एक्सिस पर हुए हादसे के बाद सुरक्षा कारणों के का चलते जम्मू में इस यात्रा को रोका गया. यात्रा रुकने के बावजूद अमरनाथ यात्रियों का जोश बरकरार है और देशभर से रोजाना से सैकड़ों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के पवित्र दर्शन करने जम्मू पहुंच रहे हैं.
उत्तर प्रदेश से जम्मू पहुंचे श्रद्धालुओं का दावा है कि उन्हें अमरनाथ की यात्रा मार्ग पर बादल फटने की जानकारी मिली थी लेकिन उसके बावजूद वह बाबा के दर्शन करने जा रहे उन्होंने कहा कि जब भगवान भोलेनाथ खुद उन्हें अपने दर्शनों के लिए बुला रहे हैं तो उन्हें किस बात का डर है.
आतंकी दहशत पर भारी पड़ी भक्ति!
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ये सवाल उठने लगे कि क्या इसका असर अमरनाथ यात्रा पर तो नहीं पड़ेगा? लेकिन तीर्थयात्रियों की संख्या बता रही है कि आतंकी दहशत पर भक्ति भारी पड़ गई है.
9 अगस्त को समाप्त होगी अमरनाथ यात्रा
भारतीय सेना ने बुधवार शाम को जम्मू-कश्मीर के ऊंचे इलाकों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन से फंसे सैकड़ों अमरनाथ यात्रियों को बचाया. जानकारी के मुताबिक शाम करीब 7:15 बजे, रायलपथरी और ब्रारीमार्ग के बीच जेड मोड़ पर एक बड़ा भूस्खलन हुआ. इस साल यह पहला मौका है जब जम्मू से तीर्थयात्रा गुरुवार को एक दिन के लिए रोक दी गई है. अब तक 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने तीर्थयात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया है. 38 दिनों तक चलने वाली यह तीर्थयात्रा 9 अगस्त को समाप्त होगी. 2 जुलाई को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई थी.