Himachal News: हिमाचल प्रदेश में लंबे वक्त से बर्फबारी नहीं हुई है. बर्फबारी न होने की वजह से सेब बागवानी पर भी भारी खतरा मंडरा रहा है. हिमाचल प्रदेश को सेब से करीब छह हजार करोड़ रुपए आमदनी होती है. ऐसे में बर्फबारी न होने से बागवान खासे चिंतित हैं. पहाड़ी इलाकों में तापमान सामान्य से पांच डिग्री तक ज्यादा दर्ज किया जा रहा है. ऐसे में सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स और नमी की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है.


बर्फबारी न होने से परेशान हैं सेब बागवान
संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने बताया कि बर्फबारी न होने की वजह से सेब बागवान परेशान हो रहे हैं. हर साल जनवरी का महीना वह वक्त होता है, जब इलाके में अच्छी खासी बर्फबारी होती है. बर्फबारी सेब की बेहतर पैदावार करने में मदद करती है. इसके अलावा इसी वक्त पर नए पौधे भी उगाए जाते हैं, लेकिन मौसम का साथ न मिलने की वजह से बागवानी से जुड़े जरूरी काम नहीं हो पा रहे हैं. बर्फबारी न होने से न तो चिलिंग आवर्स पूरे हो रहे हैं और न ही सेब के पौधों को नमी मिल रही है. इसी तरह बर्फबारी न होने की वजह से जुब्बल इलाके से संबंध रखने वाले बागवान जोगिंदर शर्मा और मोहित शर्मा भी खासे परेशान हैं.


बर्फबारी न होने से सेब की जरूरत नहीं हो रही पूरी
बता दें कि सेब के चिलिंग आवर्स पूरे होने के लिए 7 डिग्री से कम तापमान की जरूरत होती है, लेकिन दोपहर के वक्त तापमान कई ज्यादा रिकॉर्ड किया जा रहा है. चिलिंग आवर्स एक हजार घंटे से लेकर 1 हजार 600 घंटे तक पूरा होना जरूरी होता हैं, लेकिन लगातार खिल रही धूप के चलते यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है.


पहले भी बे-मौसम बारिश की पड़ी थी मार
इससे पहले पिछले सीजन में भी बे-मौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि ने सेब बागवानी को भारी नुकसान पहुंचाया था. जुलाई-अगस्त के महीने में हिमाचल में आई आपदा की वजह से भी बागवानों को खासा नुकसान हुआ. अब एक बार फिर बर्फबारी न होने की वजह से बागवान नुकसान झेल रहे हैं. अगर आने वाले वक्त में भी बर्फबारी न हुई, तो सेब बागवानों के साथ प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा. गौरतलब है कि मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने जनवरी महीने में न के बराबर ही बर्फबारी और बारिश होने का पूर्वानुमान जताया है.


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