Himachal News: हिमाचल प्रदेश का बेरोजगार युवा लगातार परेशान हैं. पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए परीक्षा तो होती हैं, लेकिन इसका परिणाम ही नहीं निकलता. कभी पेपर लीक, तो कभी मामला कोर्ट में जाने की वजह से भर्ती प्रक्रिया लटकती ही चली जा रही है. इस सबके बीच हिमाचल प्रदेश के मंडी में सरदार पटेल यूनिवर्सिटी की एक भर्ती प्रक्रिया ऐसी भी है, जो बिना वजह ही लटकी पड़ी है. इस भर्ती प्रक्रिया में न तो पेपर लीक का कोई मामला है और न ही कोर्ट में सुनवाई का. बावजूद इसके परीक्षा परिणाम घोषित ही नहीं किया जा रहे.


विश्वविद्यालय में भरी जानी है 25 पोस्ट
सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी में 20 अक्टूबर 2022 को JOA-IT की भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित करवाई. 25 पोस्ट के लिए प्रदेश भर से करीब आठ हजार आवेदन मिले और चार हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों ने परीक्षा भी दी. इसके लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से 1 हजार 200 रुपए की फीस भी तय की गई थी. दिलचस्प बात है कि यह टेस्ट ऑनलाइन माध्यम से हुए हैं. ऐसे में यहां पेपर लीक की संभावनाएं न के बराबर हो जाती हैं. हिमाचल प्रदेश सरकार अब जिन ऑनलाइन टेस्ट करने पर विचार कर रही है, वह मंडी विश्वविद्यालय में 10 महीने पहले ही हो चुका है. बावजूद इसके परीक्षा परिणाम है कि घोषित होने का नाम ही नहीं ले रहे या यूं कहें कि घोषित करने नहीं दिए जा रहे. परीक्षा परिणाम के इंतजार में बेरोजगार युवा परेशान हैं. दिनों-दिन घर-परिवार का दबाव बढ़ने की वजह से युवाओं की परेशानी लगातार बढ़ती चली जा रही है.


युवाओं की मांग- जल्द घोषित हों परिणाम
परीक्षा देने वाले अभ्यर्थी अपना रिजल्ट की मांग को लेकर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, शिक्षा विभाग के विशेष सचिव और शिक्षा सचिव से कई बार बात कर चुके हैं. इसके अलावा अभ्यर्थियों ने धर्मपुर के विधायक और मंडी विश्वविद्यालय के सदस्य चंद्र शेखर से भी बात की. बावजूद इसके अब तक परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हो सके हैं. बेरोजगार युवा आए दिन ट्विटर का सहारा लेकर मुख्यमंत्री को टैग कर परीक्षा परिणाम घोषित करने की मांग कर रहे हैं. बेरोजगार युवाओं की मांग है कि जल्द से जल्द परीक्षा परिणाम घोषित किए जाए, ताकि उनका भविष्य अधर में न लटका रहे. यहां भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा करने की मांग कर रहे बेरोजगार युवाओं के नाम को अपने रखे गए हैं, ताकि उन्हें भविष्य में कोई परेशानी न हो.


क्या कहता है विश्वविद्यालय प्रशासन?
वहीं, मामले में मंडी विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है की भर्ती परीक्षा परिणाम तैयार कर लिए गए हैं. जब तक सरकार की अनुमति नहीं मिलेगी, तब तक यह परिणाम घोषित नहीं की जा सकते हैं. यूनिवर्सिटी के स्तर पर परीक्षा परिणाम में कोई देरी नहीं है. सरकार की अनुमति मिलते ही परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे. हालांकि इस बीच सवाल यह है कि प्रदेश सरकार परीक्षा परिणाम घोषित करने की अनुमति कब देगी? शिक्षा मंत्री समेत आला अधिकारी तो जल्द मामला सुलझाने की बात कह कर बेरोजगार युवाओं को टालने की कोशिश में लगे हुए हैं.


युवाओं ने कांग्रेस के वादों पर किया था भरोसा
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के लिए युवाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. परेशान बेरोजगार युवाओं ने उस वक्त कांग्रेस पार्टी का खुलकर साथ दिया. जब पहले ही कैबिनेट में एक लाख रोजगार के साथ पांच साल में पांच लाख रोजगार का वादा किया गया. पहली कैबिनेट में एक लाख रोजगार का वादा तो पूरा हुआ नहीं और न ही पांच लाख रोजगार का वादा पूरा होने की कोई संभावना है. लेकिन, इस सबके बीच युवाओं की मांग है कि कम से कम उन परीक्षा परिणामों को तो घोषित कर दिया जाए, जिनके टेस्ट पहले ही लिए जा चुके हैं.


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