Sudhir Sharma Himachal: कांग्रेस के बागी नेता और हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित हो चुके सुधीर शर्मा पर कांग्रेस ने एक्शन लिया है. करीब छह दिन बाद लिए गए इस एक्शन में सुधीर शर्मा को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव पद से हटा दिया गया है. इस संबंध में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और सांसद केसी वेणुगोपाल ने आदेश जारी किए हैं.


सरकार से भी नाराज थे सुधीर शर्मा 


बागी नेता सुधीर शर्मा हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से नाराज थे. सुधीर शर्मा पूरे प्रदेश के एकमात्र ऐसे विधायक थे, जो वीरभद्र सिंह के कैबिनेट में तो मंत्री रहे. लेकिन, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार में उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं दी गई. इसके अलावा सुधीर शर्मा के अन्य कामों में भी उन्हें खासी परेशानी का सामना करना पड़ा.




इसी के विरोध में सुधीर शर्मा ने राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को वोट डाला. इसके अलावा भी व्हिप जारी होने के बावजूद हुए कटौती प्रस्ताव और बजट पारण के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहे. व्हिप के उल्लंघन पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने उन्हें सदस्यता से अयोग्य भी करार घोषित कर दिया. फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है.


सुधीर शर्मा ने कहा -अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद की


विधायक सुधीर शर्मा ने सोशल मीडिया पर भी बगावत करने को लेकर अपना पक्ष रखा है. सुधीर शर्मा ने श्रीमद् भागवत गीता का एक श्लोक लिखते हुए कहा ''अन्याय सहना उतना ही अपराध है, जितना अन्याय करना. अन्याय से लड़ना आपका कर्तव्य है. यही श्लोक आज हमारे संघर्ष फैसले और उठाए गए कदम का आधार बना है. इसी श्लोक ने हमें शक्ति भी दी है.''


सुधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार पर यह भी आरोप लगाए कि यह सरकार सिर्फ मित्रों से घिर कर रह गई. इसके अलावा उन्होंने हाईकमान की आंख पर पट्टी और प्रदेश के सत्ताधीश के मित्र मंडली से होने की भी बात कही. सुधीर शर्मा ने कहा है कि उन्होंने जो कदम उठाया, उसका उन्हें कोई पछतावा नहीं है. वह हिमाचल प्रदेश की जनता की उम्मीद पर खरा उतरेंगे.


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