हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित संजौली मस्जिद का विवाद गहराता जा रहा है. कोर्ट द्वारा अवैध घोषित की जा चुकी इस मस्जिद के विरोध में अब देवभूमि संघर्ष समिति ने चेतावनी जारी कर दी है. गुरुवार (27 नवंबर) को समिति की ओर से कहा गया है कि 28 नवंबर को मस्जिद में किसी को भी जुमे की नमाज पढ़ने नहीं दी जाएगी. 

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इसी के साथ देवभूमि संघर्ष समिति ने मुस्लिम समुदाय से अपील की है कि वे सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए उस जगह पर न जाएं. 

प्रशासन से मीटिंग करेगी देवभूमि संघर्ष समिति

समिति के सदस्य मस्जिद में बीते 10 दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस क्रम में गुरुवार को मस्जिद में 'शस्त्र पूजा' की गई. समिति के सह संयोजक विजय शर्मा ने कहा कि उनका संगठन 29 नवंबर को प्रशासन के साथ होने वाली मीटिंग का इंतजार कर रहा है, जिसके बाद वे अपना अगला कदम तय करेंगे.

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'शस्तर उठान से पीछे नहीं हटेगा सनातन समाज'

इसके अलावा, संघर्ष समिति के नेताओं ने जिला प्रशासन को सीधे तौर पर चेतावनी दे दी है. कहा गया है कि हिंदुओं से छल न करें. समिति क ओर से आरोप लगाया गया है कि सरकार अवैध गतिविधियों को संरक्षण दे रही है. 

29 नवंबर को होने वाली बैठक को लेकर सकारात्मक नतीजों की उम्मीद की जा रही है, लेकिन समिति ने स्पष्ट किया है कि सनातन समाज अपनी मांगों के लिए शस्त्र उठाने से पीछे नहीं हटेगा. 

कोर्ट का आदेश लागू करने की मांग

देवभूमि संघर्ष समिति के नेताओं का कहना है कि वह केवल कोर्ट के आदेशों का पालन करने की अपील कर रहे हैं. उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों से कहा कि नमाज अपने घरों में या फिर किसी और मस्जिद में पढ़ें, बस संजौली मस्जिद में न आएं. बता दें, 29 नवंबर को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले समिति का यह कड़ा रुख और शस्त्र पूजन करना, संजौली अवैध मस्जिद मामले में तनाव को और बढ़ावा दे रहा है. ऐसे में प्रशासन का क्या एक्शन होगा, यह देखने वाली बात है.