Life Saving Bank Spiti: हिमाचल प्रदेश का जिला लाहौल स्पीति जनजातीय इलाका है. यहां लोगों को आज भी ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसके बारे में मैदानी इलाके में रह रहे लोग विचार भी नहीं कर सकते. स्पीति की गर्भवती महिलाओं को बेहतरीन इलाज दिलाने के लिए स्थानीय प्रशासन नई पहल करने जा रहा है. इसका नाम लाइफ सेविंग बैंक रखा गया है. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर इसकी विधिवत शुरुआत होगी. शुरुआती चरण में इस योजना से गर्भवती महिलाओं को लाभान्वित करने की योजना है. जैसे-जैसे यह बैंक मजबूत होगा, इसके साथ जानलेवा बीमारी कैंसर और हार्ट अटैक जैसे गंभीर मरीजों को भी मदद की जाएगी.


लाइफ सेविंग बैंक के लिए कमेटी का गठन


लाइफ सेविंग बैंक के संचालन के लिए कमेटी का गठन कर दिया गया है. इसकी अध्यक्षता एडीसी राहुल जैन करेंगे. साथ ही काजा के सभी सरकारी कार्यालय के विभागाध्यक्ष सदस्य सचिव बनाए गए हैं. इस बैंक के हर सदस्य को निर्धारित शुल्क देना अनिवार्य किया गया है. यदि कोई सदस्य अधिक शुल्क देना चाहता है, तो वह दे सकता है. लाइफ सेविंग बैंक एक सहेली के तौर पर महिलाओं की मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.


गरीब महिलाओं की आर्थिक मदद करेगा लाइफ सेविंग बैंक


मौजूदा वक्त में यहां से गर्भवती महिलाओं को अपने इलाज के लिए शिमला, कुल्लू और नेरचौक जाना पड़ता है. लेकिन, आर्थिक स्थिति सही न होने की वजह से कई गरीब परिवार की महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ जाता है. ऐसे में यह लाइफ सेविंग बैंक इन लोगों की सहायता करेगा. स्पीति में शुरू होने जा रहा लाइफ सेविंग बैंक गर्भवती महिलाओं की आर्थिक मदद करेगा.


अन्य लोगों से भी सहयोग की उम्मीद


अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने बताया कि लाइफ सेविंग बैंक एक अलग तरह की पहल है. प्रथम चरण में गर्भवती महिलाओं का सहयोगी बनकर उनकी आर्थिक मदद की जाएगी. इसमें बीपीएल परिवार के साथ अन्य गरीब महिलाएं शामिल होंगी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि स्पीति के अन्य लोग भी इस पहल में अपना सहयोग सुनिश्चित करेंगे. जैसे-जैसे लाइफ सेविंग बैंक में धन बढ़ाना शुरू होगा, इससे अन्य मरीजों के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा.


लाइफ सेविंग बैंक में तय की गई शुल्क दरें


इस लाइफ सेविंग बैंक को पूर्ण सहयोग से स्पीति में तैनात अधिकारी और कर्मचारी ही चलाएंगे. इस बैंक के लिए विभिन्न श्रेणियों के लिए अलग-अलग दरें तय की गई हैं. क्लास वन श्रेणी से 100 रूपए प्रति माह, क्लास टू से 50 रूपए प्रति माह, क्लास थ्री से 30 रूपए प्रति माह और क्लास फोर से 20 रूपए प्रति माह शुल्क रखा गया है. हर महीने की दस तारीख को विभागाध्यक्ष शुल्क अपने अपने विभाग में एकत्रित करेंगे. इसके बाद 15 तारीख को एडीसी कार्यालय काजा में जमा करवाएंगे. जो भी फंड एकत्रित होगा, वह हर विभाग के सूचनापट पर प्रदर्शित किया जाएगा. इस फंड को एक अलग खाते में जमा करवाया जाएगा. इसके अलावा हर विभाग अपना एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त कर सकते हैं, जो इस बारे में पत्रचार संभालेंगे.


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