हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में विकास के बजाय 'बदले की राजनीति' का दौर चल रहा है. जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री को चेतावनी देते हुए कहा कि सत्ता के दम पर विधायकों और विपक्ष को प्रताड़ित करने का अंजाम अच्छा नहीं होगा.
जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री का साथ छोड़ चुके पूर्व कांग्रेसी और निर्दलीय विधायकों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा का उदाहरण देते हुए कहा कि माइनिंग विभाग की बिना किसी शिकायत के पुलिस खुद पार्टी बनकर उन पर मुकदमे दर्ज कर रही है.
उन्होंने कहा कि इसी तरह केएल ठाकुर के क्रशर को बंद करने, राजेंद्र राणा और इंद्र दत्त लखनपाल के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज करने और सुधीर शर्मा के घर का अनावश्यक मूल्यांकन करवाने जैसे कदम राजनीतिक प्रतिशोध की पराकाष्ठा हैं. उन्होंने गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा और देवेंद्र भुट्टो के खिलाफ की जा रही प्रशासनिक कार्रवाई को भी इसी साजिश का हिस्सा बताया.
अधिकारियों को कड़ी चेतावनी
'डॉन्ट क्रॉस द लिमिट' नेता प्रतिपक्ष ने उन अधिकारियों को भी आड़े हाथों लिया जो सरकार के इशारे पर कानून-कायदों को ताक पर रखकर काम कर रहे हैं. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (IPR) द्वारा भाजपा के चुनाव चिन्ह का अपमान करने वाली एक सोशल मीडिया पोस्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "अधिकारी यह न भूलें कि सत्ता स्थायी नहीं है. दो साल बाद जब यह सरकार नहीं होगी, तब आपको जवाब देना होगा. सभी को मेरी सलाह है—डॉन्ट क्रॉस द लिमिट (अपनी सीमा न लांघें)."
कांगड़ा कार्निवल के नाम पर 'वसूली' का मुद्दा
प्रेस वार्ता के दौरान जयराम ठाकुर ने कांगड़ा कार्निवल के लिए जारी किए गए चंदे के पत्र पर भी सवाल उठाए. उन्होंने पूछा कि सरकारी कार्यक्रम के लिए जनता से पैसा क्यों मांगा जा रहा है? उन्होंने आशंका जताई कि पत्र में बैंक अकाउंट नंबर न होना 'कैश वसूली' का प्रयास हो सकता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले भी कांग्रेस नेताओं पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के नाम पर उगाही के आरोप लग चुके हैं, और यह उसी की पुनरावृत्ति प्रतीत होती है.
सरकार की 'आपसी कलह' और 'दोहरा मापदंड'
जयराम ठाकुर ने सरकार के तीन साल के जश्न को 'आपसी कलह का मंच' करार दिया. उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री सबको देख लेने की धमकी दे रहे हैं, तो दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री अपनी ही सरकार के कामकाज के तरीके पर सवाल उठा रहे हैं.
उन्होंने सरकार पर भ्रष्टाचार के मामले में दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बंजार और धर्मपुर में हुए अवैध कटान और मलबे के बिलों में हुए करोड़ों के घोटाले पर सरकार मौन है, क्योंकि उसमें सत्ता पक्ष के करीबियों के नाम शामिल हैं.
अवैध खनन और इंफ्रास्ट्रक्चर का विनाश ठाकुर ने कहा कि ऊना, सिरमौर, हमीरपुर और कांगड़ा में अवैध खनन से सड़कें और पुल खतरे में हैं, लेकिन सरकार दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाय उन पुलिस अधिकारियों और भाजपा नेताओं को निशाना बना रही है जो इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा इन दमनकारी नीतियों के खिलाफ चुप नहीं बैठेगी और जनता के बीच जाकर इस 'निकम्मी सरकार' का पर्दाफाश करेगी.