HPPCL Chief Engineer Case: हिमाचल प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड (HPPCL) के चीफ़ इंजीनियर विमल नेगी की रहस्यमयी मौत के मामले में नए खुलासे सामने आए हैं. इस घटना ने बिजली विभाग के भीतर हड़कंप मचा दिया है. अब इस मामले में पूर्व इंजीनियर और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के पूर्व एमडी सुनील ग्रोवर ने शपथ पत्र देकर जांच की मांग उठाई है. उनका कहना है कि यदि सरकार ने पारदर्शी जांच नहीं की तो वे प्रवर्तन निदेशालय (ED) से शिकायत करेंगे.
शपथ पत्र में बड़े आरोपअखिल भारतीय विद्युत इंजीनियरिंग फेडरेशन (All India Electrical Engineering Federation) के संरक्षक एवं ऊर्जा निगम के पूर्व प्रबंध निदेशक सुनील ग्रोवर ने अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा को एक शपथ पत्र सौंपा है. इस पत्र में उन्होंने कई अहम बिंदु उठाए हैं और साक्ष्य देकर निष्पक्ष जांच की मांग की है.
उन्होंने शपथ पत्र में HPPCL के प्रबंध निदेशक IAS अधिकारी हरिकेश मीणा और निलंबित निदेशक देसराज पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि दिवंगत चीफ़ इंजीनियर विमल नेगी एक ईमानदार और समर्पित अधिकारी थे, लेकिन उन्हें पिछले 6 महीनों से एक भी दिन की छुट्टी नहीं दी गई थी.
परियोजनाओं में अनियमितताओं का आरोपसुनील ग्रोवर ने किन्नौर में निर्माणाधीन 450 मेगावाट शोंगटोंग कड़छम हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट (HEP) और ऊना जिले में शुरू की गई 32 मेगावाट पेखुबेला सौर ऊर्जा परियोजना में अनियमितताओं का आरोप लगाया है. उन्होंने सवाल उठाया कि किन्नौर परियोजना की लागत अचानक दोगुनी कैसे हो गई? उन्होंने दावा किया कि परियोजना की DPR (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) में हेरफेर किया गया था. सुनील ग्रोवर ने साफ किया कि यदि सरकार इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं करवाती है, तो वे ED को सभी दस्तावेज सौंपेंगे.
यह मामला अब सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है. देखना होगा कि सरकार इस मामले की जांच कैसे आगे बढ़ाती है और क्या इसमें शामिल अधिकारियों पर कोई कार्रवाई होती है या नहीं.