Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज में अन्य अस्पतालों से रेफर होने वाले मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. अब आईजीएमसी में जब कोई भी मरीज अन्य अस्पताल से रेफर होकर आएगा, तो उसे बीमारी से जुड़ी जानकारी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अब अस्पताल में इलाज करवाने के लिए आने वाले मरीज की पर्ची में कॉमन आईडी को डालकर पंजीकरण नंबर दिया जाएगा. इस नंबर की मदद से मरीज की बीमारी की हिस्ट्री के बारे में आसानी से पता चल सकेगा. अस्पताल प्रशासन ने पूरे प्रदेश का एक सेंट्रलाइज्ड सिस्टम शुरु कर दिया है. मंगलवार से अस्पताल में सेंट्रलाइज्ड सिस्टम के तहत ही मरीजों की पर्ची बनाई जा रही है. 


इससे पहले मरीज को इलाज के लिए अस्पताल लाने पर सभी टेस्ट, दवाइयां और हर तरह की पर्ची लानी पड़ती थी. मरीज के तीमारदार अक्सर सभी पर्चियों से भरी फाइल को उठाए नजर आते थे, लेकिन अब इन सभी झंझटों से मरीज और उसके तीमारदार को छुटकारा मिलेगा. यही नहीं, अगर कोई मरीज आईजीएमसी में इलाज करवाकर किसी अन्य अस्पताल में दवाइयों के लिए जाएगा, तो उसे भी सिर्फ आईडी ही दिखानी पड़ेगी. अब मरीज की पर्ची पर लिखी आईडी से किसी भी अस्पताल में मरीज की बीमारी की पूरी हिस्ट्री राज्य के सभी अस्पतालों में मिल जाएगी.


क्या है अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली


अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली वह प्रणाली है, जो मरीज के स्वास्थ्य डेटा को बताती है. इसमें मरीज का पूरा डाटा होता है. इसमें मरीज के पंजीकरण से लेकर रिपोर्ट, लैब टेस्ट के साथ अन्य सभी टेस्ट की पूरी जानकारी उपलब्ध होगी. इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव ने बताया कि अब आईडी में ही टेस्ट की रिपोर्ट की भी जानकारी होगी. अगर किसी मरीज के टेस्ट की रिपोर्ट गुम हो भी जाती है, तो उसे दोबारा टेस्ट करवाने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी. अस्पताल प्रबंधन सूचना प्रणाली में मरीज की हर प्रकार के टेस्ट की रिपोर्ट की जानकारी सेव रहेगी. पूरे प्रदेश के अस्पतालों के लिए कॉमन आईडी जारी की जाएगी. इसके माध्यम से  मरीज की पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है.


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