Himachal News: हिमाचल प्रदेश में लोगों की सुविधा के लिए नि:शुल्क चलने वाली 108 और 102 एम्बुलेंस में लगातार कमियों की शिकायत सामने आ रही है. इस बीच हिमाचल प्रदेश सरकार ने इन शिकायतों का कड़ा संज्ञान लिया है. हिमाचल प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने एंबुलेंस सेवा में किसी तरह की भी कमी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है.


स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल की दो टूक!


102 और 108 एम्बुलेंस सेवाओं के संचालन और रख रखाव को लेकर हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए एम्बुलेंस सेवा देने वालों को अपनी सेवाओं में सुधार करने के निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जनता से शिकायतें मिली हैं कि कंपनी मानदंडों के अनुसार एम्बुलेंस नहीं चला रही है. यह भी देखा गया है कि एम्बुलेंस और संबंधित सेवाएं या तो क्रियाशील नहीं हैं या उनका रखरखाव ठीक से नहीं किया जा रहा है. डॉ. शांडिल ने कहा कि एम्बुलेंस सेवा प्रदाता पर मरीजों को आवश्यक सेवाएं देने की महत्त्वपूर्ण जिम्मेदारी है और गुणवत्तापूर्ण सेवाएं प्रदान करने में किसी भी प्रकार की चूक पर सरकार सख्त कार्रवाई करेगी.


सुधार न किया तो होगी कार्रवाई


स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि प्रदेश के लोगों ने जन प्रतिनिधियों के ध्यान में यह बात लाई है कि 102 और 108 एम्बुलेंस में या तो बुनियादी सुविधाओं, जैसे कि सहायता प्रदाता, ऑक्सीजन सिलेंडर या अन्य चिकित्सा उपकरण का अभाव है या फिर इन बुनियादी सुविधाओं का पर्याप्त रखरखाव नहीं किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही इन सेवाओं में सुधार नहीं किया गया और लोगों की असुविधाओं के चलते शिकायतें जारी रहीं, तो सेवा प्रदाता के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.


लोगों की सुविधा के लिए चलाई जाती है नि:शुल्क एंबुलेंस


बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से 108 और 102 एंबुलेंस को मुफ्त जनता के लिए चलाया जाता है. 108 एंबुलेंस किसी भी आपात स्थिति में मरीज को अस्पताल तक पहुंचाने का काम करती है. इसके अलावा 102 एम्बुलेंस हिमाचल प्रदेश में जननी एक्सप्रेस है. 102 एंबुलेंस गर्भवती महिलाओं को अस्पताल से घर तक पहुंचाने के लिए विशेष सुविधा है. इस नि:शुल्क एंबुलेंस का संचालन राज्य सरकार स्वयं नहीं करती है. इसके लिए आउटसोर्स के आधार पर कंपनी की तैनाती की गई है. कंपनी की ओर से चलाई जाने वाली इन एंबुलेंस में लगातार शिकायत है सामने आ रही हैं.


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