शिमला में संजौली अवैध मस्जिद विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है. मामले को लेकर हिंदू संघर्ष समिति एक फ़िर फिर मुखर हो गई है. दरअसल बीते शुक्रवार को नमाज पढ़ने से रोकने पर पुलिस ने हिन्दू संगठन के छ लोगों पर मामला दर्ज किया था. स्थानीय महिलाओं ने मस्जिद के अवैध निर्माण पर आपत्ति जताई और नमाज पढ़ने जा रहे लोगों का विरोध किया था. जिसके विरोध में 18 नवंबर से हिन्दू संघर्ष समिति के कुछ लोग थाना के बाहर अनशन पर बैठ गए थे और शुक्रवार को बड़े आंदोलन की चेतावनी दी थी.

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पुलिस और हिंदू संघर्ष समिति के बीच बातचीत

इससे पहले ही पुलिस ने हिन्दू संघर्ष समिति के साथ बातचीत कर उनकी मांगे मानने का आश्वासन दिया. अनशन पर बैठे हिंदू संघर्ष समिति की सह संयोजक मदन ठाकुर ने बताया कि उनके छ साथियों पर की गई FIR वापिस ली जाए. अवैध मस्जिद का बिजली पानी काटकर सीज किया जाए. इसके अलावा जल्द ही अवैध निर्माण को हटाया जाए.

अवैध मस्जिद के खिलाफ न्यायिक आदेशों की अनदेखी

इन लोगों का कहना है कि संजौली मस्जिद को एमसी कोर्ट के बाद जिला अदालत ने भी अवैध करार देते हुए तोड़ने के आदेश दिए है. बाबजूद इसके आज तक मस्जिद की बिजली पानी नहीं काटा गया. मस्जिद में नमाज पढ़ी जा रही है. नमाज पढ़ने से रोकने पर बिना किसी व्यक्ति की शिकायत के SHO ने अपने स्तर पर Fir दर्ज कर दी.

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संजौली मस्जिद विवाद की पृष्ठभूमि

शिमला के संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर पिछले साल विवाद शुरू हुआ था. जब 29 अगस्त 2024 को शिमला जिले के मल्याणा में दो गुटों के बीच झड़प हुई, जिसमें एक समुदाय विशेष के लोगों ने तेजधार हथियारों से एक शख्स को घायल कर दिया था. मामले ने तूल पकड़ा और 1 सितंबर 2024 को संजौली में मस्जिद के बाहर लोगों का गुस्सा भड़क उठा. हिंदू संगठनों ने इसके खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. यहीं से संजौली मस्जिद मामला शुरू हुआ.