Jal Jeevan Mission: पहाड़ों पर कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हर घर पानी पहुंचाने में हिमाचल प्रदेश देश का पहला पहाड़ी राज्य बन गया है. प्रदेश में कुल 17.08 लाख ग्रामीण परिवार हैं. हिमाचल प्रदेश सरकार का दावा है कि, इनमें शत-प्रतिशत घरों तक नल से पानी पहुंचाया जा चुका है. 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा की गई थी. इसके तहत साल 2024 तक देश के सभी घरों को घरेलू नल कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था. हिमाचल प्रदेश ने समय से पहले अपना लक्ष्य हासिल करते हुए पेयजल के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. हिमाचल ने देश में शीर्ष नौ राज्यों में अपना स्थान बनाया है. जल जीवन मिशन में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर स्वच्छ पेयजल नल से उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है. 

कुल एक हजार 742 योजनाएं मंजूर

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि, राज्यस्तरीय योजना स्वीकृति समिति से प्रदेश में कुल 1 हजार 742 योजनाएं मंजूर की गई. इसकी अनुमानित राशि 5757.79 करोड़ रुपये है. योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए प्रदेश के सूखाग्रस्त क्षेत्रों को चिन्हित किया गया. इसके अलावा जनजातीय क्षेत्रों, महत्वाकांक्षी जिला और सांसद आदर्श ग्राम पंचायतों को प्राथमिकता दी गई. पेयजल गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में 69 प्रयोगशालाएं स्थापित की गई है. इसके अलावा प्रत्येक गांव को पानी की जांच के लिए फील्ड टैस्ट किट वितरित किए गए हैं. इसके माध्यम से लोग अपने गांव में ही पानी की नियमित जांच करवा सकते हैं.

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ताशिगंग तक पहुंचा मिशन का फायदा

सरकार का जल जीवन मिशन ताशीगंग के लोगों के लिए भी फायदेमंद साबित हुआ है. समुद्र तल से 15 हजार 256 फीट की ऊंचाई पर स्थित ताशीगंग में भी इस मिशन के तहत नल से जल पहुंचाने का काम पूरा हो चुका है. हाल ही में ताशीगंग पहले साल 2019 के लोकसभा चुनाव, फिर साल 2021 के उपचुनाव और साल 2022 के विधानसभा चुनाव में मतदान के दौरान चर्चाओं में आया था. साल 2022 के विधानसभा चुनाव में दुनिया के सबसे ऊंचे पोलिंग बूथ पर 100 फीसदी मतदान हुआ था.

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