Sukhu Government set up Special Task Force: हिमाचल प्रदेश के युवाओं के बीच नशे का बढ़ता प्रचलन प्रदेश सरकार के लिए बड़ी समस्या बनकर सामने आई है. देशभर में नशाखोरी में हिमाचल प्रदेश दूसरे स्थान पर पहुंच गया है. हिमाचल का पड़ोसी राज्य पंजाब मामले में पहले नंबर पर है. हिमाचल प्रदेश तक नशा पहुंचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय गैंग तक के तार जुड़े हुए हैं.


हिमाचल प्रदेश सरकार नशाखोरी की समस्या को लेकर गंभीर है. आए दिन नशाखोरी पर दबिश देकर सरकार नशाखोरी को कम करने की कोशिश कर रही है. हिमाचल प्रदेश सरकार अब नशा माफिया की कमर तोड़ने के लिए विशेष टास्क फोर्स गठित करने जा रही है. जानकारी के मुताबिक, इसे लेकर हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग से सरकार ने विस्तृत जानकारी तलब की है. माना जा रहा है कि 17 मार्च को पेश होने वाले बजट में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विशेष टास्क फोर्स की घोषणा कर सकते हैं.


इन जवानों को STF में काम करने का मिलेगा मौका 


स्पेशल टास्क फोर्स में नशा माफिया की कमर तोड़ने के लिए एक्सपर्ट अधिकारी, तेज तर्रार पुलिस कर्मचारियों के साथ बटालियन के जवानों को शामिल किया जाएगा. इस विशेष टास्क फोर्स का काम नशा माफिया की कमर तोड़ने के साथ प्रदेश भर में फैल रहे नशे को खत्म करने का होगा. हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग भी प्रदेश में बढ़ते नशे की जलन को लेकर चिंता जाहिर कर चुका है. पुलिस प्रशासन के सामने युवाओं तक नशा पहुंचा रहे अंतर्राष्ट्रीय गैंग की कमर तोड़ने की बड़ी चुनौती है.


विदेश से जुड़े हैं नशाखोरी के तार


हिमाचल प्रदेश में नशाखोरी के मामले में गिरफ्तार हुए आरोपी सिर्फ प्रदेश से ही नहीं बल्कि देश और विदेश से भी हैं. नशे के मामलों में पुलिस ने साल 2017 से साल 2022 तक 10 हजार 848 पुरूषों और 450 महिलाओं को गिरफ्तार किया. बीते छह सालों में 87 विदेशी नागरिक भी पकड़े गए. विदेशी नागरिकों में नाइजीरिया के 43, यूरोप के 14, रूस के 3, अमेरिका के 4, मिडल ईस्ट के 3, एशियन देशों के 2, अन्य अफ्रीकी देशों के 16 और एक ग्रीस का नागरिक गिरफ्तार हुआ. ऐसे में यह विशेष टास्क फोर्स मामले की गंभीरता को देखते हुए गठित की जा सकती है. इस विशेष फोर्स का काम केवल प्रदेश में नशाखोरी को खत्म करना होगा.


0.24% आबादी नशे की चपेट में


पिछले कुछ सालों में युवाओं के बीच सिंथेटिक ड्रग का चलन बढ़ा है. युवा हेरोइन और चिट्टे की चपेट में आ रहे हैं. हिमाचल पुलिस के मुताबिक प्रदेश की कुल जनसंख्या का 0.24 फ़ीसदी हिस्सा नशे की चपेट में है. सर्वे के मुताबिक प्रदेश में करीब दो लाख युवा ड्रग एडिक्टेड हैं. हैरानी की बात है कि लड़कियां भी केमिकल नशा करने का शौक रखती हैं. प्रदेश में नशे को लेकर लगातार चिंताजनक स्थिति पैदा हो रही है. बता दें कि हिमाचल पुलिस के मुताबिक साल 2017 में प्रदेश के अलग-अलग थानों में NDPS एक्ट के 1 हजार 221 मामले दर्ज हुए. साल 2018 में 1 हजार 722, साल 2019 में 1 हजार 935 और साल 2020 में 2 हजार 058 मामले किए गए. साल 2021 में 2 हजार 223 मामले दर्ज हुए और साल 2022 में 2 हजार 226 मामले सामने आए. साल 2020 में कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के बावजूद इन मामलों में कोई कमी दर्ज नहीं की गई.


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