हिमाचल प्रदेश के शिमला में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार की लापरवाही की वजह से रेलवे की परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं. सुक्खू सरकार हिमाचल के रेल नेटवर्क विस्तारीकरण में अपने हिस्से के काम में सहयोग नहीं कर रही है.

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी और रेल मार्ग संपर्क को नए आयाम देने वाली रेल परियोजनाएं लटकी हुई हैं और समय बढ़ने के साथ ही उन परियोजनाओं की लागत में भी वृद्धि हो रही है. सरकार की यह उदासीनता न हिमाचल के हित में है और न ही प्रदेश की आर्थिकी और औद्योगिकरण को बढ़ावा देने की भविष्य की योजनाओं के हित में.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से आग्रह है कि अपना राजनीतिक विद्वेष छोड़कर हिमाचल प्रदेश में चल रही रेल परियोजनाओं में पूर्व निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुसार काम करें, जिससे बेहतर रेल कनेक्टिविटी का सपना साकार हो सके.

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार हिमाचल प्रदेश की रेल परियोजनाओं को भरपूर बजट दे रही है, जिससे रेल नेटवर्क को मजबूत और ज्यादा से ज्यादा पहुंचाया जा सके. रेल नेटवर्क से हिमाचल प्रदेश की कनेक्टिविटी हिमाचल प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

इस बार के बजट में 4 रेलवे स्टेशन भी बनाए- जयराम ठाकुर

उन्होंने जोगिंदर नगर–पठानकोट रेलवे लाइन के ब्रॉड गेज करने के लिए केंद्र सरकार से करवाए जा रहे सर्वे के लिए प्रधानमंत्री और रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि वित्तीय साल 2025-26 के लिए हिमाचल प्रदेश की तीनों रेल परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार से 2,716 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है.

उन्होंने कहा कि यह पिछले साल के बजट से भी ज्यादा है. इस बार के बजट में चार रेलवे स्टेशन भी बनाए गए, जिनका उद्घाटन 2 महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से किया. लगातार 3 बार से रेलवे के विस्तार के लिए केंद्र सरकार से जो भी धनराशि दी जा रही है, वह यूपीए सरकार के समय दिए गए बजट से 25 गुना से भी ज्यादा है.

केंद्र सरकार ने 5,251.81 करोड़ रुपये खर्च किए- जयराम ठाकुर

जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में रेल परियोजनाओं की गति न पकड़ने के पीछे कांग्रेस की सुक्खू सरकार जिम्मेदार है. भानुपल्ली बिलासपुर बैरी की 63 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के लिए लागत साझाकरण के आधार पर बनने की सहमति बनी थी.

उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए 123.16 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण राज्य सरकार से किया जाना था, जबकि 80.31 हेक्टेयर भूमि का ही अधिग्रहण अब तक हो पाया है और इस परियोजना पर ही केंद्र सरकार ने 5,251.81 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.

सरकार ने पत्र को अनदेखा किया- नेता प्रतिपक्ष

जयराम ठाकुर ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में प्रदेश सरकार की 1,789.56 करोड़ रुपये की देनदारी बकाया है, जिस कारण रेलवे के प्रोजेक्ट पूरा करने में देरी हो रही है. डेढ़ साल पहले भी रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष ने पत्र लिखकर हिमाचल सरकार से मांग की गई थी.

उन्होंने कहा कि वह हिमाचल के हिस्से का 1,626 करोड़ रुपये का बकाया रेलवे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए रेलवे को दे, लेकिन सरकार ने तब भी उस पत्र को अनदेखा किया था. सरकार की इस अनदेखी की कीमत प्रदेश की रेल परियोजनाएं चुका रही हैं, जो प्रदेश हित में नहीं है.

रेल लाइनों के लिए 2,500 करोड़ का प्रावधान- जयराम ठाकुर

जयराम ठाकुर ने कहा कि सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भानुपल्ली बिलासपुर बैरी, नंगल डैम तलवाड़ा और चंडीगढ़ बद्दी रेललाइन के निर्माण के लिए मोदी सरकार ने बजट की कोई कमी नहीं की. केंद्र सरकार ने वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में हिमाचल की तीनों रेल लाइनों के लिए 2,500 करोड़ का प्रावधान किया था.

उन्होंने कहा कि इनमें सबसे ज्यादा 1,700 करोड़ रुपये भानुपल्ली–बिलासपुर–बैरी रेल लाइन को दिए थे. नंगल डैम–तलवाड़ा के लिए 500 करोड़ और चंडीगढ़–बद्दी को 300 करोड़ दिए. 2023-24 के बजट में भानुपल्ली–बिलासपुर–बैरी रेल लाइन को एक हजार करोड़ का बजट मिला था, लेकिन इसके खर्च को देखते हुए इसे रिवाइज कर 1,399 करोड़ किया गया है.

डैम तलवाड़ा को पिछली बार के बजट में 450 करोड़ मिले

जयराम ठाकुर ने कहा कि नंगल डैम तलवाड़ा को पिछली बार के बजट में 450 करोड़ मिले थे, चंडीगढ़ बद्दी को भी पिछले बजट में 450 करोड़ मिले थे. तीनों रेल लाइनों के लिए बजट का प्रावधान किए जाने से अब इनके काम में और तेजी आएगी.

उन्होंने कहा कि हिमाचल में 63 किलोमीटर की भानुपल्ली बिलासपुर बैरी रेल लाइन, 84 किलोमीटर नंगल डैम तलवाड़ा, 33 किलोमीटर की बद्दी चंडीगढ़ रेल लाइन का काम चल रहा है. यह काम और भी गति पकड़ेगा, जब हिमाचल प्रदेश सरकार इन परियोजनाओं में पूर्व निर्धारित शेयर की अदायगी करेगा.