हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बालीचौकी में सुक्खू सरकार पर करारा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की सत्तासीन कांग्रेस सरकार में काम करने की इच्छा समाप्त हो चुकी है. संकट और दुख की घड़ी में लोगों की उम्मीद रहती है कि सरकार उनके साथ खड़ी हो, लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली ये सरकार जिम्मेदारी से दूर भाग रही है.
जयराम ठाकुर ने कहा, आपदा पीड़ितों की मदद के लिए सरकार को सारे काम छोड़ युद्धस्तर पर संजीदगी के साथ मदद के लिए आगे आना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से इस सरकार को कोई परवाह नहीं है. तीन साल का इनका कार्यकाल ही त्रासदीभरा रहा है. लोगों की मदद करने के बजाय इस सरकार ने भाजपा नेताओं को कोसने और मित्रों के घर भरने में लगा दी है.
सरकार ने दो हज़ार संस्थान बंद कर दिए- जयराम ठाकुर
एक प्रकार से ये सरकार ही आपदा है जिसने आते ही जनता की मांग पर खोले गए दो हज़ार संस्थान बंद कर दिए और जब 2023 में आपदा आई तो खजाना खाली होने का रोना रोते हुए लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया. ऐसे में जहां घर आपदा ने छीने तो लोगों की उम्मीदें इस झूठी सरकार ने धूमिल कर दी.
उन्होंने भरे मंच से पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की सराहना करते हुए कहा कि वो जहां एक बच्चे के लिए भी स्कूल खोल देते थे, वहीं व्यवस्था परिवर्तन का नारा देने वाले यह मुख्यमंत्री ठीक उनके विपरीत चल रहे हैं. वीरभद्र सिंह का हमेशा विकास का नजरिया रहा लेकिन इन जनाब का तो बदले की भावना से काम करना ही एकमात्र ध्येय रह गया है.
उन्होंने आगे कहा, पिछले दिनों अपनी नेता सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के सामने वीरभद्र सिंह की प्रशंसा का एक बच्चे के लिए भी स्कूल खोलने का झूठा गुणगान करते नजर आए और अगले ही दिन उनके जाने के बाद उनके द्वारा खोले स्कूल ही बंद कर दिए. ये इनका दोहरा चरित्र है.
प्रदेश में थम गया विकास- जयराम ठाकुर
आज पूरे प्रदेश में विकास थम गया है. एक काम के तीन-तीन बार टेंडर लगाए जा रहे हैं, लेकिन कोई ठेकेदार आगे नहीं आ रहा है क्योंकि जनता की तरह उनका भी भरोसा इस सरकार से उठ चुका है. काम करने के बावजूद ठेकेदारों को उनकी अदायगी नहीं हो रही है जिससे ठेकेदार काम करने को आगे नहीं आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि आपदा के चार माह बाद भी कई इलाकों में मुख्यमंत्री तो दूर की बात सरकार का कोई मंत्री तक नहीं पहुंचा है. लोगों को अभी तक भी फौरी राहत तक नहीं मिल पाई है.
मैंने आज अधिकारियों से इस बारे पूछा तो ये बात सामने आई है. बेघर लोग भीषण सर्दी के बावजूद लोगों के घरों में ही रातें काटने को विवश है. कहां तो सरकार को अस्थाई टेंट इनके लिए बनाकर देने चाहिए थे. इतने दिन बीत जाने के बावजूद लोगों को राहत राशि नहीं दी जा रही है जबकि सात लाख में से तीन लाख केंद्र सरकार से घर बनाने के लिए मिलता है.
उन्होंने कहा कि जनता की आवाज उठाने के लिए हम हैं. हम हर जगह जनता की आवाज उठाएंगे और ये सरकार हमें उनकी समस्याएं उठाने से नहीं रोक सकती है. इस अवसर पर जयराम ठाकुर ने ऐलान किया कि सराज पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा आपदा से प्रभावित हुआ है. सबसे ज्यादा घर यहां तबाह हुए हैं और सबसे ज्यादा लोगों की जान भी यहां आपदा में गई.
आपदा प्रभावितों को सैलरी देने की घोषणा
मैं आज घोषणा करता हूं कि अपने 3 महीने की सैलरी उन आपदा प्रभावितों में से जिनके पूरे मकान तबाह हो गए हैं उनके लिए दूंगा. आज यहां 74 लोगों को जो राहत के चेक भेंट किए जा रहे हैं वो हमारे आह्वान पर समाजसेवी संस्थाओं की तरफ से आपको दिए जा रहे हैं. मैं सभी ऐसी संस्थाओं का आभार भी व्यक्त करता हूं जिन्होंने आपदा पीड़ितों की मदद को चेक के माध्यम से राशि भेजी है.
साथ ही भाजपा संगठन का जिन्होंने हर राज्य से पूरे प्रदेश को राहत सामग्री भेजी. इस मौके पर भाजपा मंडलाध्यक्ष मुकेश ठाकुर, पंचायत समिति के अध्यक्ष शेर सिंह सहित अन्य भाजपा नेता उपस्थित रहे.
धारा 118 के साथ छेड़छाड़ के प्रयास में सरकार- जयराम ठाकुर
जयराम ठाकुर ने कहा कि सुख की सरकार ने धारा 118 में सरलीकरण के नाम पर प्रदेश के हितों के साथ खिलवाड़ करने का पूरा मन बना लिया है. इसीलिए बार-बार सरकार में बैठे जिम्मेदार लोग धारा 118 में बदलाव को जायज ठहरा रहे हैं.
जयराम ठाकुर ने कहा कि, सरकार का यह कृत्य किसी भी हिमाचल के हित में नहीं होगा और भारतीय जनता पार्टी व्यवस्था परिवर्तन वाली सरकार के द्वारा हिमाचल प्रदेश को 'फॉर सेल' का दौर नहीं चलाने देगी. लोगों ने कांग्रेस को प्रदेश के भले के लिए सत्ता सौंपी है. गारंटियों के नाम पर सत्ता सौंपी है. हिमाचल प्रदेश को बेचने के लिए नहीं.