कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में सोमवार को सुक्खू सरकार ने चिट्टा के खिलाफ वॉकथॉन का आयोजन किया. मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू धर्मशाला में दाड़ी ग्राउंड से पुलिस ग्राउंड धर्मशाला तक एंटी चिट्टा जागरूकता अभियान की वॉकथॉन में भाग लिया.
इस दौरान बड़़ी संख्या में स्कूली बच्चे भी वॉकथॉन में शामिल हुए और नशा ना करने की शपथ ली. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राधे राधे विवाद के बीच मंच से “राधे राधे, और राम राम” के नारे लगाए.
मुख्यमंत्री ने साफ शब्दों में कहा कि चिट्टा बेचने वालों के लिए देवभूमि हिमाचल में कोई जगह नहीं है. 2024 में सरकार ने NDPS एक्ट को सख्ती से लागू किया, जिसके तहत 40 करोड़ रुपये की आपात संपत्ति जब्त हो चुकी है. सीएम ने कहा कि एंटी-STF बनेगी जो नशा उन्मूलन की दिशा में सशक्त कार्य करेगी.
10 हजार से 10 लाख रुपये तक का पुरस्कार
मुख्यमंत्री ने मंच से चिट्टे की सूचना देने वालों को लाखों रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने कहा कि चिट्टे की सूचना के तहत 2 ग्राम पर 10 हजार रुपये, 5 ग्राम पर 25 हजार रुपये, 25 ग्राम पर 50 हजार रुपये, 1 किलो पर 5 लाख रुपये, 5 किलो पर 10 लाख रुपये और नेटवर्क के सरगना को पकड़ाने पर 5 लाख रुपये देने की घोषणा की.
इसके अलावा 112 नंबर पर गोपनीय सूचना दी जा सकेगी, और सूचना देने वाले का जहां नाम गोपनीय रखा जाएगा वहीं 30 दिनों के अंदर ही इनाम भी प्रदान किया जाएगा.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस दौरान नारा दिया, "हम डरेंगे नहीं, हम लड़ेंगे, मेरा हिमाचल, चिट्ठा मुक्त हिमाचल". हिमाचल प्रदेश में चिट्टे के नशे से लगातार मौतें हो रही हैं. कोई भी जिला ऐसा नहीं है जो चिट्टे से अछूता हो. लगातार बढ़ रही बेरोजगारी चिट्टे की डिमांड और सप्लाई के लिए बड़ा कारण माना जा रहा हैं. हालांकि इसके अलावा भी नशे के कई अन्य कारण हैं.