Himachal Pradesh Budget Session 2023: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 14 मार्च से शुरू होगा. इस बजट सत्र में कुल 18 बैठकें होनी हैं. यह सत्र 6 अप्रैल तक चलेगा. बजट सत्र में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) अपना पहला बजट पेश करेंगे. यह चौदहवीं विधानसभा का दूसरा सत्र होगा. इस बार का यह सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं. मुख्य विपक्षी दल बीजेपी (BJP) ने सरकार को घेरने के लिए कमर कस ली है. विपक्ष सत्ता परिवर्तन के बाद बंद किए गए संस्थानों और फिजूलखर्ची को लेकर सरकार को घेरने की तैयारी कर चुका है.


विपक्षी दल बीजेपी अपने प्रखर वक्ताओं के जरिए सरकार को घेरने का काम करेगी. सरकार के सामने विपक्ष को जवाब देने और सदन को सुचारू रूप से चलाने की चुनौती रहने वाली है. हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि सरकार को इस बार संस्थान बंद करने और फिजूलखर्ची पर जवाब देना होगा. पूर्व सीएम ने कहा कि एक तरफ तो सरकार हिमाचल प्रदेश को कर्ज के बोझ तले दबे होने की बात कर रही है. वहीं, दूसरी ओर सीपीएस की नियुक्ति कर सरकार फिजूलखर्ची करने का काम कर रही है.


जयराम ठाकुर ने क्या कहा?


जयराम ठाकुर ने आगे कहा, "सरकार बार-बार आर्थिक स्थिति कमजोर होने की बात कर रही है, लेकिन सरकार के लाव-लश्कर में कोई कमी नजर नहीं आती. इसके अलावा सरकार ने आर्थिक बोझ का हवाला देते हुए ही 600 से ज्यादा संस्थानों को बंद कर दिया. इस मामले को लेकर बीजेपी सदन में मुखर नजर आएगी. हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पहले सत्र में भी विपक्ष ने जमकर सरकार को घेरा. शपथ ग्रहण से पहले ही विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथों लिया था.


विपक्ष के सवालों का जवाब देना सरकार के सामने चुनौती


इस बार का यह सत्र भी हंगामेदार रहने वाला है. सत्र से पहले विपक्ष बैठक करेगा. इस बैठक में विपक्ष की ओर से सरकार को घेरने के लिए मुद्दे तय किए जाएंगे. फिलहाल के लिए यह है कि सुक्खू की सरकार के लिए विपक्ष का जवाब देना आसान नहीं रहने वाला है. बीजेपी नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, सतपाल सिंह सत्ती, बिक्रम सिंह ठाकुर और डॉ. हंसराज सरीखे नेताओं को फ्रंट फुट पर रखकर सुख की सरकार को घेरने का काम करेगी.


क्या है हिमाचल विधानसभा की मौजूदा स्थिति?


कुल 68 सीटों वाली हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के 40 और बीजेपी के 25 विधायक हैं. अन्य तीन विधायक आजाद उम्मीदवार के तौर पर जीतकर आए हैं, जो एसोसिएट मेंबर के तौर पर कांग्रेस को समर्थन दे रहे हैं. कांग्रेस-बीजेपी के अलावा अन्य कोई दल हिमाचल प्रदेश विधानसभा में अपनी जगह नहीं बना सका है.


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