हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष नारेबाजी करते हुए विधानसभा गेट तक पहुंचा. विपक्ष के सदस्य विधायक निधि को रोकने की लेकर नारेबाजी करते हुए हाथ में तख्तियां लेकर विधानसभा गेट के सामने बैठ गए. भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के नेतृत्व में विधायक विकास निधि को अभिलंब जारी करने और ट्रेजरी में भुगतान और बहाल करने  में चल रही कमीशन खोरी को रोकने से जुड़े नारे लगाए गए.

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विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार ने ट्रेजरी बंद कर रखी है. सिर्फ़ दस हज़ार रुपए तक जारी करने के आदेश दिए गए हैं. ऐसे में विधायकों को भी अपने क्षेत्र में विकास के लिए पैसा नहीं दिया जा रहा है. ठेकेदारों की पेमेंट रोकी हुई है, सरकार की शय पर कुछ लोग कमीशन लेकर ठेकेदारों को पैसा जारी करवा रहें है, जो समझ से परे हैं. सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है और विधायक निधि तक सदस्यों को नहीं मिल रही है. सरकार से हर वर्ग नाराज़ है. इससे बड़ा मजाक लोकतंत्र के लिए कोई नहीं हो सकता है.

पंचायत चुनाव को लेकर सदन में चर्चा

फिलहाल पंचायती राज चुनाव न करवाने को लेकर विपक्ष द्वारा दिए नियम 67 काम रोको प्रस्ताव के तहत चर्चा चल रही है. जिसका जवाब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को देना है. लेकिन सदन की दुसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा से पहले प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा की. लेकिन सत्ता पक्ष की ओर से संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि काम रोको प्रस्ताव के तहत चर्चा में प्रश्नकाल नहीं होता है. जिस पर विपक्ष ने भी हंगामा किया.

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विपक्ष ने स्पीकर को लेकर सरकार को घेरा

विपक्ष ने कहा कि सरकार स्पीकर को अपनी सुविधा के हिसाब से चला सकता है, लेकिन विपक्ष नियमों के अनुसार चलेगा. अब स्पीकर ने व्यवस्था दी कि जब भी काम रोको प्रस्ताव आए दूसरा कोई एजेंडा नहीं लगेगा. आधा घंटे बहस के बाद सदन में अब पंचायत चुनाव न करवाने के विपक्ष के प्रस्ताव पर चर्चा जारी है.